पिछले कुछ समय से श्रीलंका में आर्थिक स्थिति को लेकर काफी बवाल चल रहा है। ऐसे में जनता ने देश के राष्ट्रपति को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जनता द्वारा राष्ट्रपति भवन को कब्जे में लेने के बाद ही राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से दूसरे राष्ट्रपति को लेकर काफी चर्चा हुई। गोरतलब हैं अब देश का नया राष्ट्रपति मिल चुका है। रानिल विक्रमसिंघे को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया है। बताते चलें कि गुरुवार को रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
रानिल विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद अब खबर है कि श्रीलंकाई सेना एक्शन में आ चुकी है। जानकारी मिली है कि नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के बाद सौकड़ों श्रीलंकाई जवान और पुलिस ने मुख्य एंटी-नेशनल गवर्नमेंट कैंप में छापेमारी की है। इस दौरान प्रेसिडेंटिअल सेक्रेटेरिएट बाहर बैठे आंदोलनकारियों को भी हटा दिया गया है। बता दें कि ये आंदोलन अप्रैल के महीने से ही चल रहा था। जिसको रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति बनने के बाद ही हटवा दिया।
गोरतलब हैं कि आंदोलनकारियों ने इस बात का ऐलान पहले ही कर दिया था कि वह विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे जब रानिल विक्रमसिंघे राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ठीक वैसा ही हुआ, उनके पद संभालते ही जवानों ने सारे टेंटों को ध्वस्त कर दिया। बताते चलें कि इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। श्रीलंका की आर्थिक स्थिति काफी खराब है, अब देखना होगा कि वह नए राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद इस पर कितना काम करते हैं।