महाराष्ट्र में राजनीति लगातार रंग बदल रही है। पहले विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने अपना पद गवाया, जिससे पूरे महाराष्ट्र में खलबली मच गई। बता दें कि उद्धव ठाकरे के बाद पार्टी से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे को राज्य का नया मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दें कि एकनाथ शिंदे धीरे धीरे राजनीति में उद्धव ठाकरे का नाम खत्म करने में जुट गए हैं। महत्वपूर्ण विश्वास मत से एक दिन पहले एकनाथ शिंदे ने फिर एक बार उद्धव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने रविवार रात एक और बदलाव किया है। इस बदलाव के कारण शिवसेना काफी निराश है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में बदलाव करते हुए नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को विधायक दल के पद से हटा दिया। गोरतलब हैं कि अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजय चौधरी को पद से हटाते हुए शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में चुना है।
जिससे शिवसेना काफी निराश है, इसके अलावा आपको बता दें कि सुनील प्रभु को भी उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह शिंदे खेमे से भरत गोगावाले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में दी गई है। हालांकि शिवसेना इस फैसले से खुश नहीं है और पार्टी का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ अदालत जाएगी। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि “निर्णय संविधान और लोकतांत्रिक मानदंडों को रौंदने के बराबर है। भाजपा निरंकुशता की ओर बढ़ रही है। हम इस “असंवैधानिक” फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।”