जकार्ता:इंडोनेशिया में ड्रग मामले में मौत की सजा पाने वाले 48 वर्षीय भारतीय गुरदीप सिंह की मौत की सजा टल गई है। गुरदीप को बचाने के लिए सुषमा स्वराज और उनका विदेश मंत्रालय कोशिशें कर रहा था। लेकिन, इंडोनेशिया सरकार ने माफी की सभी अपीलें ठुकरा दी है। गुरदीप समेत ड्रग्स केस के 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा कब दी जाएगी। इसका ऐलान अभी नहीं हुआ है। इससे पहले पंजाब के रहने वाले गुरदीप सिंह ने अपने परिवार को फोन पर कहा था कि मेरी लाश आएगी। दिल मजबूत रखना।
गुरदीप के भांजे गुरपाल सिंह के मुताबिक, उनके परिवार को अभी किसी तरह की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि आगे क्या होगा। गुरपाल के अनुसार गुरुवार की रात इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास के काउन्सिलर ने पहले बताया कि गुरदीप सिंह को गोली मार दी गई है और फिर 20 मिनट बाद जानकारी दी गई कि वो सुरक्षित हैं।
इंडोनेशिया में मादक पदार्थ से जुड़े अपराध के मामले में दोषी ठहराए गए एक स्थानीय और तीन नाइजीरियाई नागरिकों को गुरुवार को मौत की सजा दे दी गई। सामान्य अपराध मामलों के उप अटार्नी जनरल नूर राचमाद ने बताया कि इन लोगों को मध्यरात्रि के ठीक बाद मौत की सजा दी गई। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया एक भारतीय सहित 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा क्यों नहीं दी गई।
गुरदीप सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुजारिश की है कि गुरदीप पहले ही 10 साल सजा काट चुके हैं तो उनकी सजा को बदल दिया जाए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हम गुरदीप सिंह की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। भारतीय दूतावास का एक अधिकारी खासतौर से इस कोशिश में लगा हुआ है।
कुलविंदर ने गुरदीप के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए बताया कि मैं यहां ठीक हूं। आज रात यहां मुझे गोली मार दी जाएगी। मैं नहीं चाहता कि यहां रहूं। इसलिए मेरा शव वहीं मंगवा लेना। इंडोनेशिया में ड्रग्स से जुड़े कुछ कानून दुनिया में सबसे ज्यादा कड़े हैं। 2005 में गुरदीप को 14 लोगों के साथ मौत की सजा सुनाई गई थी। इन सभी पर हेरोइन तस्करी का केस था।