संसद भवन के बाहर शुरू हुआ निलंबित सांसदों का प्रदर्शन, माफी मांगने से किया इंकार, बोले “सरकार बहुमत में है तो…”

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जैसा की सभी को पता है सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। सत्र के पहले ही दिन सदन में हंगामा देखने को मिला। दरअसल, सोमवार को सत्र के पहले ही दिन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल पेश किया गया और बिना किसी चर्चा के इसको पास कर दिया गया। जिसको को विपक्ष ने सदन में हंगामा मचाया। विपक्ष में इस बिल पर चर्चा की मांग की लेकिन सदन में विपक्ष की एक na सुनी गई। इस हंगामे के बाद विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद अब ये मामला तेज होता जा रहा है। निलंबित हुए सांसदों ने संसद भवन (Parliament Winter Session) में गांधी प्रतिमा के सामने आंदोलन शुरू कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू के साथ मुलाकात कर निलंबन वापस लेने की अपील की। इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया कि बिना माफी के निलंबन वापस नहीं होगा। उनकी इस बात के बाद विपक्षी सांसदों ने माफी मांगने से इंकार कर दिया और अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। निलंबित सांसदों ने कहा है कि “जनता का सवाल उठाते रहेंगे। किसानों की आवाज बनते रहेंगे। माफी किसी भी हाल में नहीं मानेंगे। सरकार को बहुमत मिल गया है तो तानाशाही रवैया अपनाई हुई है।”

बताते चलें कि निलंबित सांसदों के समर्थन में कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी मौजूद हैं। इस बीच सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि “पूरा विपक्ष एकजुट है। सभी सांसदों का निलंबन वापस होना चाहिए। ये लोकतंत्र की हत्या है। हम मजबूती से सदन में अपना पक्ष रखेंगे।” इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस के निलंबित सांसद माफी नहीं मांगेंगे। राहुल ने ट्वीट किया कि “किस बात की माफी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!”