देश में पिछले तीन दिनों से रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक चल रही है। इस दौरान चर्चा थी कि इस बैठक में ब्याज दर को फिर एक बार बढ़ा दिया जाएगा। बता दें कि बैठक खत्म हो चुकी है और जैसा लोगों का मानना था ठीक वैसा ही हुआ। एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार ये इस साल में तीसरी बार हुआ है। इस बार रेपो रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। पिछले तीन दिनों से चल रही बैठक में रेपो रेट को 4.9% से बढ़ाकर 5.4% कर दिया गया है।
ये अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसको लेकर कहा है कि “हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से गुजर रहे हैं और वित्तीय बाजार भी अस्थिर रहे हैं. वैश्विक और घरेलू परिदृश्यों को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति ने बेंचमार्क रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया है।” इस बात का अंदाजा पहला ही लगा लिया गया था कि इस बार रेपो रेट में पहले से ज्यादा बढ़ोतरी होनी हैं। पिछले चार महीनों में रेपो रेट में 1.4% की बढ़ोतरी हो चुकी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि “भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर कायम रखा है. केंद्रीय बैंक ने खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति असंतोषजनक स्तर पर है। समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बना रहेगा।” आपको बता दें कि सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बाद महंगाई धीरे-धीरे काबू में आने लगी है। लेकिन अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व समेत कई देशों के सेंट्रल बैंक आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं।