महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमाती दिख रही है। शिंदे गुट की शिवसेना और भाजपा में दरार की खबर सामने आई है। दरअसल, दोनों पार्टियों में तकरार उस समय देखने को मिली जब सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही। कुछ दिनों पहले डोंबिवली में एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष व पदाधिकारी नंदू जोशी पर एफआईआर दर्ज की थी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे शिवसेना की चाल बताया और मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर के पीछे शिंदे गुट का हाथ बताया। इसके बाद डोंबिलवी में मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें नेताओं ने शिंदे गुट का साथ न देने का फैसला किया। शिवसेना सांसद और सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे भाजपा के कुछ नेताओं से नाराज दिख रहे हैं। श्रीकांत ने एक बैठक में इस नाराजगी को जताते हुए कहा कि डोंबिवली के कई नेता अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए भाजपा-शिंदे गुट गठबंधन के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा। हमारा लक्ष्य भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाए रखना और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं, अगर कोई उसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं।