महाराष्ट्र :नंदुरबार में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संविधान और आदिवासी के मुद्दे पर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि ये चुनाव दो अहम विचारधारा की लड़ाई है. कांग्रेस, इंडिया गठबंधन का कहना है कि देश को संविधान के माध्यम से चलाना चाहिए, जबकि बीजेपी वाले इस संविधान को कोरा कहते हैं.
राहुल गांधी ने इस दौरान सीधा प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी, यह संविधान खाली नहीं है, इसमें गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की आवाज है. राहुल गांधी ने यह भी तंज कसा कि उन्हें क्या पता कि संविधान में क्या लिखा है, जिन्होंने इसे पढ़ा ही नहीं है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान के कंवर के रंग पर किये गये हमले को लेकर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि वो कहते हैं मैं रैलियों में संविधान की लाल किताब दिखाता हूं. लेकिन मैं कहता हूं संविधान की किताब का कवर लाल हो या किसी और रंग, इसके अंदर को जो लिखा है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण है. राहुल गांधी ने कहा कि कवर के रंग से हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो इसके अंदर लिखा है, हम उसकी रक्षा के लिए जान देने को तैयार हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं रैलियों में जो संविधान दिखाता हूं वह खोखला नहीं हैं. इसके अंदर बिरसा मुंडा, बाबा साहेब अंबेडकर,भगवान बुद्ध, गांधी जी, फुले जी की सोच है. इस संविधान में हिंदुस्तान का ज्ञान है, देश की आत्मा है. इसमें आम आदमी की आवाज है.
राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी मतलब हिंदुस्तान का पहला निवासी, जल जंगल जमीन पर उनका अधिकार है. बिरसा मुंडा इसके लिए अंग्रेजों से लड़े. उन्होंने कहा कि संविधान में आदिवासी शब्द लिखा है, लेकिन बीजेपी-आरएसएस के लोग आदिवासी नहीं बनवासी कहते हैं. आखिर क्यों? राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी और वनवासी में बहुत बड़ा फर्क है. आदिवासी का मतलब- हिंदुस्तान के पहले मालिक, जबकि वनवासी का मतलब- जल, जंगल, जमीन पर आपका कोई अधिकार नहीं है.
राहुल गांधी ने इस दौरान एक बार फिर जातीय जनगणना की आवाज उठाई. उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासियों की भलाई के लिए जितनी भी योजनाएं बनती हैं, उनमें उनकी कितनी भागीदारी होती है? देश की संपदा पर आदिवासियों का अधिकार है लेकिन उनकी कितनी भागीदारी है? राहुल ने कहा कि ये तब पता चलेगा जब जातीय जनगणना होगी.
राहुल गांधी ने इस दौरान महाराष्ट्र की सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार यहां के प्रोजेक्ट्स को दूसरे प्रदेश में भेजती है, इस वजह से यहां के लोगों को नौकरी करने दूसरे राज्य में जाना पड़ता है. उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स का नाम लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इन सब को जोड़ा जाए तो महाराष्ट्र सरकार ने करीब 5 लाख रोजगार छीन लिए. यही कारण है कि यहां के युवा बेरोजगार हैं.