मणिपुर में चुड़ाचांदपुर के रास्‍ते पर रोका गया राहुल गांधी का काफिला

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए आज इंफाल पहुंचे हैं. यहां से वह चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए, जहां वह पिछले महीने की शुरुआत में पूर्वोत्तर राज्य में हुई जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे. लेकिन, चुड़ाचांदपुर के रास्‍ते में राहुल गांधी का काफिला रोक दिया गया है. मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं.

राहुल का काफिला बिष्णुपुर जिले में रोका गया है. वह इंफाल से करीब 20 किमी ही आगे बढ़ पाए हैं. स्‍थानीय पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से राहुल गांधी को आगे जाने रोका है. बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर के कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में बृहस्पतिवार को सुबह कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने ‘बिना किसी उकसावे’ के गोलीबारी की है.

कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है. मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है.

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.