कांग्रेस सेवादल को आरएसएस के मुकाबले तैयार करने में जुटे राहुल गाँधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक बार फिर कहा कि वह आरएसएस की तरह अब अपने पुराने संगठन कांग्रेस सेवा दल को मजबूत करेंगे। पहले कांग्रेस के नेता सेवा दल से ही आते थे, लेकिन बाद में यह संगठन कमजोर होता गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगामी चुनावों में कामयाबी के लिए अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह कड़ी मेहनत करें। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव में उतरने के लिए जीत का मंत्र भी दिया।

रविवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, ”हम कठिन मोर्चे पर काम करने से कतराते हैं।” राहुल ने कहा कि दशक भर पहले आदिवासी कांग्रेस को वोट करते थे। लेकिन बीजेपी, RSS के लोग आदिवासियों के बीच गए उनके साथ काम किया उन्हें समझाया। आज वह बीजेपी को वोट करते हैं। राहुल गाँधी ने अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा और आरएसएस से सीख लेने की बात भी कही।

इससे पहले इस बैठक में दिए गए राहुल गांधी के 17 मिनट के भाषण को पार्टी की तरफ से यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया। इसके बाद से ही इस पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इससे पहले उप्र कांग्रेस इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का दावा है कि राहुल गांधी मानसून सत्र के बाद अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी व अपनी मां सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली से एक साथ इसकी शुरुआत कर सकते हैं। बकौल कांग्रेस पदाधिकारी, “कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस सेवा दल को फिर से सक्रिय करने की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने सेवा दल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुकाबले खड़ा करने की योजना तैयार की है।”

दरअसल, कांग्रेस सेवा दल का गठन वर्ष 1923 में हिंदुस्तान सेवा दल के नाम से हुआ था. बाद में इसे कांग्रेस सेवा दल का नाम दे दिया गया। आरएसएस की तरह ही कभी कांग्रेस सेवा दल पर भी प्रतिबंध लगा था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1932 से लेकर 1937 तक हिंदुस्तान सेवा दल को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

कांग्रेस के पदाधिकारी ने बताया, “आजादी के बाद सेवा दल ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने की कोशिश की। आजादी के बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस को आपातकाल के बाद देश के बदले माहौल में जनता पार्टी की सराकर के गठन के बाद सेवा दल की याद आई थी। इंदिरा गांधी ने सेवा दल को खड़ा किया। यही नहीं, खुद राजीव गांधी ने सेवा दल के शिविर में जाकर 1983 में में सात दिनों का प्रशिक्षण लिया था।”