कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी निकट भविष्य में रामलला का दर्शन करने आ सकते हैं। यह संभावना राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार और राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ विजय महाजन की गत सोमवार को अयोध्या की गोपनीय यात्रा के बाद सामने आई है। यात्रा के दौरान महाजन ने कुछ चुनिंदा संतों सहित रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास से उनके रामघाट स्थित आश्रम सत्यधाम पहुंच कर भेंट की।
महाजन के साथ राहुल गांधी की टीम के दो-तीन और महत्वपूर्ण सदस्य भी थे। मुख्य अर्चक से मुलाकात के दौरान महाजन ने उनसे कांग्रेस नेतृत्व के लिए मार्गदर्शन मांगा। आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार उन्होंने महाजन को कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर सामूहिक नेतृत्व विकसित करने और राम मंदिर से लेकर सनातन संस्कृति के प्रति नकारात्मक रवैए से बचने की सलाह दी।
इस बीच दोनों पक्ष इस तथ्य पर सहमत दिखे कि गांधी और विनोबा जैसे दिशावाहकों के संरक्षण में कांग्रेस इस देश की आत्मा का प्रतिनिधित्व करती रही है। रामलला के मुख्य अर्चक से आधा घंटा की सफल और सदाशयतापूर्ण भेंट के बाद महाजन ने लौटते-लौटते निकट भविष्य में राहुल गांधी के अयोध्या आने और रामलला का दर्शन करने की बात कहकर मुख्य अर्चक के मन को टटोला भी।
अयोध्या यात्रा के दौरान महाजन ने जिन अन्य चुनिंदा संतों से भेंट की, उनमें जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण भी थे। इस भेंट के संबंध में वह कहते हैं कि यह भेंट नितांत धार्मिक थी और इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। जहां तक राहुल गांधी के अयोध्या आने और रामलला के दर्शन की संभावना है, तो इसमें झिझक जैसी कोई बात नहीं है। राहुल ही नहीं किसी को भी अयोध्या आने, रामलला और बजरंगबली का दर्शन करने और पुण्य सलिला सरयू के आचमन का अधिकार है।
महाजन ने अयोध्या यात्रा के दौरान हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत मनीरामदास से भी भेंट की थी, वह कहते हैं कि राहुल गांधी की संभावित यात्रा को राजनीति से जोड़ा जाय या न जोड़ा जाय, किंतु इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि यदि राहुल गांधी रामलला का दर्शन करते हैं, तो यह उन लोगों को कड़ा जवाब होगा, जो राहुल गांधी को हिंदू विरोधी बता कर अपनी दुकान चलाते हैं।