भारत में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है। पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख जारी कर दी गई थीं। लेकिन अब पंजाब में चुनावी तारीख को मुद्दा बना लिया गया है और सभी दलों द्वारा तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है। गौरतलब हैं कि चुनाव आयोग ने पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन में मतदान का फैसला किया था। जानकारी के मुताबिक 14 फरवरी को पंजाब में वोटिंग होनी थी।
बता दें कि राजनीति दलों की अपील के बाद चुनाव आयोग ने आज सोमवार को एक बैठक करने का फैसला लिया है और सूत्रों की माने तो आज शाम तक चुनाव आयोग इस पर फैसला सुना सकती है। इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है। चरणजीत सिंह चन्नी ने लिखा कि “अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों, जिसमें पंजाब की आबादी का 32 प्रतिशत शामिल है, ने उन्हें बताया कि रविदास जयंती की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग 10 से 16 फरवरी को वाराणसी जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई लोग विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल पाएंगे, जो संवैधानिक अधिकार है।”

वहीं, दूसरी ओर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 14 फरवरी को होने वाले मतदान को आगे बढ़ाने की अपील की। इनके अलावा पंजाब बीजेपी के महासचिव सुभाष शर्मा ने भी चुनाव आयोग को खत लिखा। उन्होंने लिखा कि “राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी संख्या है, जो यहां की आबादी का करीब 32 प्रतिशत है। इस पवित्र अवसर पर, लाखों लोग गुरपर्व मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस जाएंगे। इसलिए उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा।”















