पंजाब के किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर फरवरी से शंभू बाॅर्डर पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं। हरियाणा उन्हें आगे नहीं जाने दे रहा। छह दिसंबर को भी किसानों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर किसानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। आज फिर किसान दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार केंद्र सरकार के साथ किसी तरह का गठजोड़ कर रही है। आज जिस तरह से मीडिया को रोका जा रहा है, सीएम और अरविंद केजरीवाल को आगे आकर इस पर सफाई देनी चाहिए। वे कहते हैं कि वे किसानों और मजदूरों के साथ हैं, फिर वे मीडिया को क्यों रोक रहे हैं?
भगवंत मान सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। पहले हम केवल केंद्र सरकार के खिलाफ थे, लेकिन अब हमें राज्य सरकार से निपटना है। पंजाब सरकार केंद्र सरकार के कामों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। वहीं पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने कहा कि मीडिया को नहीं रोका गया है। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है।
लेकिन, मीडिया को जानकारी देना ज़रूरी था। पिछली बार हमें पता चला था कि 3-4 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। उससे बचने के लिए हमने मीडिया को जानकारी दी… हम कोशिश करेंगे कि ऐसा न हो – लेकिन अगर कोई घायल होता है, तो उसे निकालने के लिए हमारे पास मेडिकल टीम है।
सरवण सिंह पंधेर ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान के शुक्रवार को राज्यसभा में एमएसपी को लेकर दिए गए बयान को गुमराहपूर्ण बताया। कहा कि किसान फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी मांग रहे हैं। सरकार अगर देश को परंपरागत फसली चक्र से बाहर निकालना चाहती है, तो इस मांग को पूरा करना जरूरी है। इससे जमीनी पानी के स्तर में भी सुधार होगा।