केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए कृषि कानूनों को लेकर विवाद लगातार जारी है। देश भर के किसान इन नए कानूनों का विरोध करते हुए बीते 30 दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर अपना धरना जारी रखे हुए हैं। इस दौरान सरकार की ओर से बहुत सी पेशकश रखी गई। हाल ही में सरकार ने एक और पेशकश रखी। जिसके विचार के लिए किसान यूनियनों के साथ शुक्रवार को एक बैठक की गई थी। इस बीच कुछ संगठों ने गतिरोध को खत्म करने की बातचीत करने का इशारा किया।
खबर है कि यूनियनों ने कहा है कि अधूरी बातचीत को पूरा करने के लिए फिर से एक बैठक की जाएगी और इसमें केंद्र द्वारा दिए गए न्यौते पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि अब तक किसान और सरकार के बीच 6 दौर की बैठक हो चुकी है। लेकिन अब तक किसी में भी नतीजा निकल कर नहीं आया। दो दिन पहले एक बार फिर सरकार ने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था। इसी प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की 2 बजे महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में देश के 40 किसान संगठन शामिल होंगे। इस मीटिंग में सरकार से बातचीत पर आखिरी फैसला होगा।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने कहा कि “केंद्र के पत्र पर फैसला करने के लिए शनिवार को हमारी एक और बैठक होगी। उस बैठक में, हम सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला कर सकते हैं क्योंकि उसके पिछले पत्रों से प्रतीत होता है कि वह अब तक हमारे मुद्दों को नहीं समझ पाया है।” वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि “MSP को इन तीन कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग से अलग नहीं किया जा सकता है। इन कानूनों में निजी मंडियों का जिक्र किया गया है। यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसल तय MSP पर बेची जाए, अगर यह नहीं है?”