नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में संबोधन दिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ की भव्यता और इसकी ऐतिहासिक सफलता का जिक्र किया। पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन में योगदान देने वाले करोड़ों नागरिकों को नमन करते हुए इसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बताया।
महाकुंभ ने दुनिया को दिखाई भारत की भव्यता
लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ जिस भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हुआ, वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। इसके सफल आयोजन के लिए मैं देश के नागरिकों को सिर झुकाकर नमन करता हूं।” उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया को भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं की झलक दिखा दी।
भारत अगले 1000 वर्षों के लिए तैयार हो रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत के उज्जवल भविष्य पर जोर देते हुए कहा कि “पिछले वर्ष अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने हमें यह एहसास कराया कि भारत अगले 1000 वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष आयोजित महाकुंभ ने भी देशवासियों की सोच और आत्मविश्वास को और मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सामूहिक चेतना, इसकी संस्कृति और परंपराएं हमें अपने सामर्थ्य का अहसास कराती हैं और यह राष्ट्र को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करती हैं।
देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा भारत
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत केवल भौतिक विकास ही नहीं कर रहा, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी खुद को सशक्त कर रहा है। महाकुंभ और राम मंदिर जैसे आयोजनों से यह साबित हो रहा है कि भारत अपनी जड़ों से जुड़ा रहकर आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है।