नई दिल्ली – पैरा एथलीट जो देश के लिए मेडल जीतने जर्मनी गई थीं और उन्हें भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा। खेलमंत्री विजय गोयल का कहना है कि पैरा-एथलीट कंचनमाला पांडे के बर्लिन में भीख मांगने के मामले में जांच की जाएगी। दरअसल, कंचनमाला को पर्ल-स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए बर्लिन में भीख मांगनी पड़ी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित पांडे के लिए तय की गई राशि के समय पर ना पहुंचने से उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा।
आपको बता दें कि एक इंग्लिश वेबसाइट में इस खबर के आने के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया था और सरकार पर निशाना साधा था। बिंद्रा ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘ये स्वीकार्य नहीं है। इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।’ बिंद्रा ने इस ट्वीट में खेल मंत्री विजय गोयल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया था।
कंचन देख नहीं सकती हैं और एस-11 कैटेगरी की स्विमर हैं। वो और पांच बाकी पैरा एथलीट 3-9 जुलाई को जर्मनी में पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने पहुंचे। इन सभी एथलीटों के पास सरकार द्वारा पास किया गया फंड नहीं पहुंचा। इन सबके बाद कंचन को बर्लिन में लोगों से भीख मांगनी पड़ी और उधार लेना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘एथलीट, खासकर पैरा एथलीट को सम्मान दिया जाना चाहिए। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त से बाहर हैं। अब जब कि मैंने क्वॉलिफाई कर लिया है मैं मेडल जीतने के लिए पूरी कठिन मेहनत करूंगी।’
खेलमंत्री ने कहा कि खेल मंत्रालय ने पैरालम्पिक कमिटी को राशि के लिए मंजूरी दे दी गई थी लेकिन ये पांडे तक नहीं पहुंची। उन्होंने आगे कहा कि इसमे खेल मंत्रालय का कोई दोष नहीं है। वहीं, इस लापरवाही के मामले में पैरालम्पिक कमिटी को सवालों के घेरे में लिया गया है। खेलमंत्री ने आगे कहा कि कमिटी बहाने कर रही है और ये सरासर लापरवाही का मामला है जिस पर जांच की जाएगी।