पाकिस्तान के लिए आयी चिंता की एक और बात, FATF की लिस्ट में मिला..

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Imran Khan

आतंकवाद के ख़िलाफ़ कोई ठोस क़दम न उठाने और कार्यवाही ना करने के गंभीर परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़ सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान पर FATF प्रतिबंधों की एक सुनामी बनकर क़हर बरपा सकती है। पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार की सांसे इस समय अटकी हुई हैं। क्योंकि वह भी जानते हैं कि FATF की कार्यवाही तो उन पर होनी ही है। अब देखना यह है कि पाकिस्तान को किस लिस्ट में जगह दी जाएगी। ब्लैक लिस्ट या फिर डार्क ग्रे लिस्ट में।

बता दें कि FATF के नियमों के हिसाब से ग्रे और ब्लैक सूचियों के बीच एक अनिवार्य चरण है, जिसे डार्क ग्रे कहा जाता है। और इस डार्क ग्रे का मतलब है सख़्त चेतावनी, ताकि जिस भी देश को इस सूची में रखा जा रहा है, उसे अल्टीमेटम के साथ सुधार का एक आख़री मौक़ा दिया जाए। और यदि वह इसके बाद भी सुधार नहीं लाता है तो फिर उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाता है। यहां बता दें कि FATF एक अंतर सरकारी निकाय है। जिसे मनी-लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्त-पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए, अन्य ख़तरों का मुक़ाबला करने के लिए 1989 में इसकी स्थापना की गई थी।

उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर को पेरिस में यह निर्णय ले लिया जाएगा कि पाकिस्तान को डार्क ग्रे लिस्ट में रखना है या ब्लैक लिस्टेड करना है। लेकिन यह तय है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं हो सकेगा। बता दें कि 36 में से एक भी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया था। ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान के डार्क ग्रे लिस्ट में आ जाने पर पाकिस्तान को IMF और वर्ल्ड बैंक की ओर से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिल सकेगी। इतना ही नहीं पाकिस्तान को यूरोपीय यूनियन की ओर से भी वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। कुल मिलाकर पाकिस्तान की डावांडोल अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढह सकती है।