पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत भारत के हाथ लगे हैं. पठानकोट एयरबेस हमले में पाकिस्तानियों के शामिल होने को लेकर दी जा रही भारत की दलीलों को इससे काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है. पठानकोट हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अमेरिका ने एक हजार पन्ने का डोजियर सौंपा है.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुताबिक इस डोजियर में हमले को लेकर जैश-ए मोहम्मद के सरगना कासिफ जान की चार फिदायीनों से हुई बातचीत भी रिकॉर्ड है. 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है. उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची से ही मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे.
पठानकोट हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के चारों फिदायीन पाकिस्तान स्थित पंजाब का नासिर हुसैन, गुजरांवाला का अबू बकर और सिंध प्रांत का उमर फारूख और अब्दुल कयूम लगातार 80 घंटे तक पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क में थे. डोजियर में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं के बीच एक तय समय में हुई बातचीत भी दर्ज है.
अमेरिका ने एनआईए को MLAT (म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी) के तहत ऐसी तमाम जानकारियां सौंपी हैं. एनआईए के अधिकारी इन सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं. जांच के मुताबिक वॉट्सएप पर बातचीत के अलावा कासिम जान एक फेसबुक अकाउंट भी चला रहा था. अकाउंट उसी नंबर से जुड़ा हुआ था जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त पठानकोट से कॉल किया था.
‘मुल्ला दादुल्ला’ के फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी आतंकियों ने पाकिस्तान में कॉल किया था. यह अकाउंट भी कासिम जान ही चलाता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म्स (टेलेनॉर ऐंड टेलेनॉर पाकिस्तान कम्युनिकेशंस कंपनी लिमिटेड, इस्लामाबाद) के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करके एक्सेस किया जा रहा था. इन फेसबुक पेजों पर जिहाद से जुड़े कंटेंट , वीडियो और कमेंट दिखते हैं.
इन कंटेंट में पाकिस्तान सरकार की ओर से जैश के आतंकियों को गिरफ्तार किए जाने की निंदा की गई है. आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत-ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था. इस बारे में भारत ने अमेरिका से टेक्निकल डिटेल्स मांगी थीं. एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी.