देश में हर रोज तेज़ी से कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद बढ़ने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इसके साथ ही कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा भी परेशानियों का सबब बना हुआ है। इस दौरान दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी सबसे ज्यादा है। यहां ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में इस मुद्दे को दिल्ली हाई कोर्ट में उठाया गया था। जिसके बाद एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई है। सोमवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री को एक चिट्ठी लिखी गई है।
इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय से दिल्ली में 10000 ऑक्सीजन युक्त बेड और 1,000 आईसीयू बेड बनाने में मदद मांगी है। इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट्स से टैंकर से जरिए ऑक्सीजन दिल्ली तक लाने में मदद मांगी है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। इसके तहत ऑक्सीजन का इंतजाम और सप्लाई केंद्र सरकार को करनी है। इसके अलावा ऑक्सीजन का बफर स्टॉक भी बनाया जाएगा। चार दिनों के भीतर यानी कल तक इमरजेंसी स्टॉक भी बनाया जाएगा।”
दिल्ली सरकार ने आगे कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है और इसका पालन केंद्र को करना होगा। इसके लिए केंद्र को 976 MT ऑक्सीजन देना चाहिए।” दिल्ली सरकार की बात सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील ASG चेतन शर्मा से कहा कि “राज्य सरकार ने मदद के लिए सेना की सहायता लेने के संबंध में केंद्र को लिखा है। आपको इसपर केंद्र से रिस्पांस देना होगा।” गौरतलब हैं कि दिल्ली के हालात दिन ब दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार की मुसीबातों में लगातार इजाफा हो रहा है।