केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब भी कोई बयान देते हैं उस पर काफी तवज्जो दी जाती है। हाल ही में गडकरी ने अपनी सरकार के चौथे कार्यकाल की गारंटी न होने की बात कही, जो चर्चा का विषय बन गया।
दरअसल, गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे और वो अपने कैबिनेट सहयोगी रामदास अठावले के साथ मजाक करते हुए उनके कई सरकारों में कैबिनेट पद पर बने रहने की क्षमता पर तंज कस रहे थे। गडकरी ने कहा कि इस बात की गारंटी नहीं हो सकती कि हमारी सरकार चौथी बार भी जीतेगी, लेकिन यह निश्चित है कि रामदास अठावले मंत्री बनेंगे।
हालांकि, गडकरी ने बाद में साफ कर दिया कि वो बस मजाक कर रहे थे। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के नेता अठावले तीन बार मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने भरोसा जताया कि अगर भाजपा सत्ता में लौटती है तो वो फिर से मंत्री बनेंगे। अठावले ने रविवार को महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बड़ी मांग रखी है। उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति सरकार में उनकी पार्टी RPI (A) को आगामी विधानसभा चुनावों में कम से कम 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका देने की मांग भी की।
नागपुर में सम्मेलन को संबोधित करते हुए अठावले ने कहा कि आरपीआई-ए अपने पार्टी चिह्न पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ में तीन से चार सीटें मांगेगी, जिसमें उत्तर नागपुर, उमरेड (नागपुर), यवतमाल में उमरखेड़ और वाशिम शामिल हैं। अठावले की पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है।
अठावले ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को महायुति सरकार में शामिल किए जाने के कारण, आरपीआई (ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को कैबिनेट पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन पवार के शामिल होने के कारण यह सब नहीं हो सका। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।