28 मई को होगा नई संसद का उद्घाटन, 19 दलों ने किया बॉयकॉट का ऐलान

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नई दिल्ली: देश की नई संसद सेंट्रल विस्टा का शुभारंभ 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। लेकिन, उससे पहले ही संसद के शुभारंभ पर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष की कुल 19 पार्टियों ने कार्यक्रम का बॉयकॉट करने का फैसला किया है। इन्होंने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में इसकी जानकारी दी।

राहुल गांधी और कांग्रेस अघ्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं। 19 पार्टियों के नाम इस प्रकार हैंरू कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल-यूनाइटेड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी अन्य मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे।

संजय राउत ने बुधवार को कहा- हमारी संसद ऐतिहासिक है। यह अभी सौ साल चल सकती है। इसे बनाने में आरएसएस और BJP का कोई हाथ नहीं है। अब नई इमारत बनाकर उसमें शिला लगाई जाएगी कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसी के लिए इतना खर्चा हो रहा है। चलो ये भी ठीक है। लेकिन, राष्ट्रपति जो इस देश की प्रमुख हैं। आदिवासी महिला हैं। पार्लियामेंट की कस्टोडियन हैं। आप उनको नहीं बुला रहे। उनके हाथों से नए संसद भवन का उद्धाटन कराना तो प्रोटोकॉल है। लेकिन आप नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आप प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन करवाकर एक पॉलिटिकल इवेंट कर रहे हैं।

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी संसद की नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं करने पर उनका अपमान बताया। ब्रायन ने कहा, यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उन्होंने आगे कहा, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी के लिए बिल्डिंग का इनॉगरेशन सिर्फ उनके लिए है, हमारे लिए नहीं।

AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी भ्ज्ञी इनऑग्रेशन का बॉयकाट करेगी। क्योंकि पीएम ने राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। वहीं, सीपीआई नेता डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। सीपीआई (एम) ने भी इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने प्रेसिडेंट देश की पहली नागरिक, उन्हें उद्घाटन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति बनाती है। वे देश की पहली नागरिक हैं। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।

862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया। पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में है, जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है।

नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और वीआईपी के लिए अलग एंट्री है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन भ्ब्च् डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

नई संसद की खासियत

  • अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है।
  • नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।
  • अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है।
  • नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
  • लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
  • संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं।
  • ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।
  • कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है।
  • कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
  • कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।