नई दिल्ली: आजकल मोबाइल ज्यादातर लोगों के पास है। फोन पर बातें होती हैं, व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल होती है, पैसे झट से ट्रांसफर होते हैं, ऐसे में फर्जीवाड़े भी खूब होने लगे हैं। पिछले दिनों आपने पढ़ा होगा कि ठगों ने एक डॉक्टर से साढ़े चार करोड़ रुपये उड़ा लिए। अब एक महिला बैंकर भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुई है। पश्चिम दिल्ली का यह नया मामला है।
NBT के अनुसार 19 मई को महिला के खाते से 2 लाख रुपये झटक लिए गए। महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच से जुड़ा बताया और कहा कि मेरा अकाउंट आतंकियों की फंडिंग से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा पाया गया है। इसके बाद उन्होंने रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया।’ महिला ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह एक बैंक में थी।
जब उसके पास अज्ञात नंबर से फोन आया। बताया गया कि कॉल कूरियर कंपनी से है। उन्होंने ज्यादा जानकारी के लिए 1 दबाने के लिए कहा। ऑपरेटर ने कहा कि एक कूरियर को जब्त किया गया है और आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। महिला ने बताया कि उन्हें लगा कि किसी ने मेरे नाम से कूरियर भेजा होगा। मैं डर गई, ठीक से सोच नहीं पा रही थी और उनके जाल में फंस गई।
फोन करने वाली महिला ने कहा कि वह मुंबई में नारकोटिक्स डिपार्टमेंट से आपको कनेक्ट कर रही है। इसके बाद उसे स्काइप कॉल पर आने के लिए कहा गया। वीडियो में दिखा कि बैकग्राउंड में नारकोटिक्स डिपार्टमेंट का लोगो है और 4-5 लोग दिखाई दे रहे हैं। ठगों ने कहा कि कूरियर में पासपोर्ट, कपड़े और ड्रग्स मिले हैं और उसके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
महिला ने बताया, ‘वे दो घंटे तक इसी तरह प्रताड़ित करते रहे। जब उन्हें लगा कि मैं सोच नहीं पा रही हूं। उन्होंने कहा कि आरबीआई मेरे खाते की जांच करेगा और मुझे पैसे ट्रांसफर करने होंगे। मैं उनसे अनुरोध कर अपनी बात कहती रही लेकिन, उन्होंने कहा कि मेरा अकाउंट अपराधियों और आतंकियों से जुड़ा है।
इन बातों का रखें ख्याल
- हर गैरजरूरी कॉल से बचें।
- जिस मेल में आपकी निजी और खाते की जानकारी मांगी जाए, उसका जवाब मत दीजिए।
- कॉल पर कहने से कोई एप या फाइल डाउनलोड मत कीजिए।
- अगर कोई पुलिस विभाग से बताता है तो स्काइप कॉल पर मत आइए।
- सामान भेजा गया या रोका गया इस बारे में कूरियर कंपनी फोन कॉल या मेल से आपकी निजी जानकारी कभी नहीं मांगती है।
- कस्टमर केयर नंबर कंपनी या संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से कन्फर्म जरूर करें।