पूर्व RJD सांसद प्रभुनाथ सिंह को आजीवन कारावास

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SC ने बिहार के RDJ के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा सुनाई. 18 अगस्त को शीर्ष अदालत ने मामले में 2008 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें बरी किये जाने के फैसले को पलट दिया.

23 अगस्त, 1995 को विधानसभा चुनाव के दौरान सिंह के आदेश के अनुसार मतदान नहीं कराने पर दो व्यक्तियों – राजेंद्र राय और दरोगा राय- की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

जस्टिस कौल ने कहा, ‘केवल दो विकल्प हैं. उम्रकैद या मौत की सजा. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अदालत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाती है और मुआवजा देने का आदेश दिया जाता है. राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया गया.18 अगस्त को पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उन्होंने मार्च 1995 में छपरा में एक मतदान केंद्र के पास 18 वर्षीय राजेंद्र राय और 47 वर्षीय दरोगा राय की हत्या कर दी थी.

दिसंबर 2008 में पटना की एक अदालत ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था. 2012 में पटना उच्च न्यायालय ने उनकी बरी को बरकरार रखा. SC ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया. राजेंद्र राय के भाई ने सिंह को बरी किए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.