भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्श कर किसानों ने हर किसी को हैरान कर दिया। जहां सरकार कानूनों को वापस लेने से साफ इंकार कर रही है। वहीं किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि किसानों के इस प्रदर्शन को करीब 1 साल होने वाला है और अब तक इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है। इस बीच मुजफ्फरनगर में महापंचायत कर किसानों ने सरकार को हिला दिया है। इस दौरान किसानों के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने सरकार और किसानों के बीच चल रहे इस विवाद के बारे में बातचीत की है।
एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “विवादित कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच बातचीत का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। हमने बार-बार यह कहा कि सरकार बिना किसी कंडीशन के बातचीत करे। शर्त लगाकर बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि “हम अपनी बात को लेकर लेकर पूरे देश जाएंगे। अभी हमने वेस्ट यूपी में महापंचायत की, आगे हम हम अपनी बात को लेकर पूरे यूपी जाएंगे।”
कानूनों को लेकर सरकार का कहना है कि वह इसमें संशोधन करने को तैयार है। लेकिन कानून रद्द नहीं किए जाएंगे। किसानों का पक्ष लेते हुए सरकार ने कहा कि संशोधन किसानों की ओर से सुझाए जांएगे। इंटरव्यू के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि “हम अपने अभियान में यह बताएंगे कि कौन सी सरकार ने क्या-क्या काम किया और वर्तमान सरकार ने क्या किया? हम पूरे देश में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि पब्लिक सेक्टर की प्रापर्टी बेची जा रही और रेलवे का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है।” इस बीच उनसे चुनाव लड़ने पर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि “हमारा इसका कोई इरादा नहीं है, हम चुनाव नहीं लड़ रहे।”