केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ काफी समय से आंदोलन चल रहा है। जिसके चलते लाखों किसान इस आंदोलन में दिल्ली की सीमाओं को घैर के बैठे हैं। आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देते हुए कांग्रेस के नेताओं ने भी एक मार्च निकाली। सोमवार को किसानों के मुद्दे पर राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन तक निकाले जा रहे इस मार्च को पहले ही रोक दिया गया। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ साथ कांग्रेस के बहुत से बड़े नेता भी राहुल के साथ शामिल थे।
इस मार्च को रोकने के साथ ही प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि इस बीच राहुल गांधी के साथ कुछ नेताओं को राष्ट्रपति भवन तक जाने दिया गया। बताया जा रहा है कि इस मार्च के जरिए राहुल गांधी और उनके साथ शामिल संसाद किसान आंदोलन के मुद्दे का हल निकालने की मांग के साथ राष्ट्रपति को मेमोरेंडम देने जा रहे थे। इस दौरान ही सबको रोक लिया गया। पुलिस ने कांग्रेस की इस मार्च को रोकते हुए कहा कि जिसको अनुमति मिली है केवल वो ही राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे।
कांग्रेस ने बताया कि राहुल जो मेमोरेंडम राष्ट्रपति को दे रहे हैं, उसपर लगभग दो करोड़ हस्ताक्षर हैं। इस मेमोरेंडम में राष्ट्रपति से किसानों के मुद्दे पर दखल देने की मांग की गई है। बता दें कि जब प्रियंका गांधी को जाने से रोका गया तो वह वहीं सड़क पर बैठ गई और कहा कि “इस सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसी भी कदम को आतंक बता दिया जा रहा है। हम यह मार्च किसानों के समर्थन में निकाल रहे हैं।”
जब प्रियंका को हिरासत में लिया गया तो उन्हें DTC बस में बिठाया गया था। इस बीच वहां मौजूद रिपोर्टर्स के सामने मोदी सरकार को पापी बताते हुए उन्होंने कहा कि “कभी ये कहते हैं कि हम कितने कमजोर हैं कि विपक्ष भी नहीं हो सकते और कभी यह कहते हैं हममें इतनी ताकत है कि हमने एक महीने से दिल्ली बॉर्डर पर लाखों किसानों का कैंप बनवा रखा है। उन्हें पहले यह तय कर लेना चाहिए कि हम क्या हैं। किसानों के लिए उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए हैं, वो पाप हैं। अगर वो किसानों को राष्ट्रद्रोही बता रहे हैं तो सरकार पापी है।”