भाजपा सांसद कंगना रनौत ने तीनों कृषि कानून को फिर से लागू करने के लिए केंद्र सरकार से मांग की थी। कंगना के इस बयान के बाद से विवाद होने लगा है। विपक्षी नेता कंगना के इस बयान को लेकर लगातार भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। कंगना ने अपने इस बयान के लिए अब माफी मांग ली है। मंडी सांसद ने कहा कि कृषि कानून को लेकर दिए गए बयान से अगर किसी को ठेस पहुंचा है तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं।
कंगना रनौत ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर वीडियो शेयर कर कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों को लेकर कई सवाल किए और मैंने ये सुझाव दिया कि किसानों को तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोगों को निराशा हुई।
कंगना ने कहा कि जब कृषि कानूनों को लागू किया गया था तो हम बहुत सारे लोगों ने उसका समर्थन किया था। लेकिन बड़ी ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिए थे। ऐसे में हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें।
मंडी सांसद ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि उन्हें पता है कि उनके इस बयान के बाद से विरोध होगा। लेकिन फिर भी उनका मानना है कि देश के किसानों को तीनों कृषि कानूनों को फिर से वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि देश के विकास में किसानों की अहम भूमिका है और वो किसानों का दर्द समझती हैं।
कंगना के बयान के बाद से पूरे देश में उनका विरोध हो रहा है। मंडी सांसद के बयान को लेकर विपक्षी नेता लगातार हमला बोल रहे हैं। कंगना के बयान के बाद भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर वीडियो शेयर कर कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।
यह बयान उन तीन कृषि कानूनों से संबंधित है, जिन्हें भाजपा सरकार ने रद्द कर दिया था। ऐसे में, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान यह कंगना रनौत के व्यक्तिगत विचारों को दर्शाता है। उनका यह बयान भाजपा के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता है।