हमारे आसपास न जाने ऐसी कितनी ही वस्तुएँ हैं जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। हमें जब तक उनके इन गुणों के बारे में नहीं पता होता हम उन्हें बेकार समझते हैं लेकिन उनके गुण पता चलते ही हमें समझ आता है कि क्यों हमारे बुज़ुर्ग उन वस्तुओं के इस्तेमाल के लिए ज़ोर दिया करते थे। आज हम आपको एक ऐसे चीज़ के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहित ही गुणकारी है। ये चीज़ हैं काला ज़ीरा, इसे कई जगहों पर काली ज़िरी के नाम से भी जाना जाता है। ये हमारे आम जीरे से बिलकुल अलग होता है और इसमें छुपे हैं कई औषधीय गुण, तो चलिए आपको बताते हैं उन गुणों के बारे में।
इन दिनों इंसान फ़ैट की समस्या से आमतौर पर जूझता है फ़ैट यानी कई बीमारियों का आमंत्रण। अगर आप काले जीरे का लगातार तीन महीने तक सेवन करते हैं तो शरीर में जमा अनावश्यक फ़ैट कम होता है| यही नहीं इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा का संचार बढता है| शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में भी काला ज़ीरा मददगार है।
काले जीरे में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते है जिससे शरीर में होने वालीं पाचन सम्बंधी समस्या, गैस्ट्रिक, पेट फूलना, पेट-दर्द, दस्त, पेट में कीड़े जैसी कई अन्य समस्याओं को दूर करता है| काले जीरे को थोडा सा भूनकर एक कपड़े में बांधकर सूँघने से अस्थमा, काली खांसी, सर्दी-जुखाम जैसी समस्याओं से आराम मिलता है|
यही नहीं काले जीरे के तेल से सिर में मालिश करने से माईग्रेन के दर्द से राहत मिलती है वहीं इसके तेल से कुल्ला करने से दांत का दर्द भी ख़त्म हो जाता है| काले जीरे में एंटी बेक्टीरियल गुण भी होते जिससे चोट या घाव पर इसका पाउडर लगाने से घाव आसानी से भर जाता है| लेकिन ध्यान रहे कि काला जीरा उन लोगो के लिए हानिकारक है, जिन्हें ज्यादा गर्मी लगती है, जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर हो, इनके अलावा गर्भवती महिलाएं छोटे बच्चे को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही कारण चाहिए| हम ये भी बता दें कि काले जीरे की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे दिन में 3 ग्राम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।