कश्मीर : मोदी पर नबी के तीखे कटाक्ष, क्षण भर की दूरी हजारों किमी से अधिक

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नयी दिल्ली : विपक्षी पार्टियों की मांग पर आज राज्यसभा में कश्‍मीर मुद्दे पर एक बार फिर चर्चा शुरू हुई है. चर्चा की शुरुआत विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने की. कश्‍मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा के प्रश्‍नकाल को रद्द कर दिया गया है. कांग्रेस के सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घेराबंदी करते हुए कहा कि वजीर-ए-आजम सदन चलने के दौरान हर दिन समय पर 10 बजे संसद परिसर स्थित अपने कमरे में पहुंच जाते हैं और शाम छह बजे तक रहते हैं. मैं रोज उनकी गाड़ी को आते देखता हूं. और, उनके कमरे से लोकसभा की दूरी महज कुछ सेकेंड की है, जबकि राज्यसभा मुश्किल से पौने मिनट की दूरी पर है, लेकिन ऐसा लगता है कि सेकेंडों की यह दूरी हजारों किलोमीटर की दूरी से अधिक बड़ी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कि मध्यप्रदेश आखिर कब से देश की राजधानी हो गयी है? ध्यान रहे कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश दौरे पर ही पहली बार कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया था और कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान वाजपेयी के सिद्धांतों के अनुरूप जम्हूरिय, इंसानियत और कश्मीरियत के आधार पर किया जायेगा.
गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री द्वारा कश्मीर पर चर्चा के लिए राजी होने को सार्थक पहल बताया. आजाद ने कश्‍मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि संसद परिसर में रहने के बाद भी इस गंभीर मुद्दे पर वे सदन में आकर बयान क्यों नहीं देते.
आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कश्‍मीर के हालात जैसे गंभीर मुद्दे पर मध्‍य प्रदेश में बयान दिया. उन्होंने संसद में बयान देना जरूरी नहीं समझा. आजाद ने व्यंगात्मक अंदाज में कहा कि मध्‍य प्रदेश देश की राजधानी कब बन गयी? आजाद ने कहा कि कश्‍मीर को केवल उसकी सुंदरता के लिए नहीं याद किया जाना चाहिए.
आजाद ने कहा कि कश्‍मीर के रूप में हमारा ताज जल रहा है. इसकी तपन दिल तक ना सही सिर तक तो मिलती ही होगा. कश्‍मीरी आवाम को लेकर उन्होंने कहा कि उनके बारे में चिंता करनी चाहिए. आजाद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आपका काम आग लगाना है. आप जहां भी कदम रखते हैं, वहां आग लग जाती है.
आजाद ने कहा 20-22 साल पहले से आतंकवादियों के उपद्रव के कारण जम्मू कश्‍मीर को शांत करने का काम केवल वहां की स्थानीय पुलिस का नहीं रह गया. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल पर वहां शांति बहाल करने का जिम्मा है. उसका उपयोग सरकार सही ढंग से करे. आजाद ने कहा कि आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.
आजाद के बोलने के क्रम में सदन में सत्तापक्ष के सांसदों ने आग लगने वाले उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी. इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्‍मीर आज एक संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है. हमें कश्‍मीर मुद्दे पर एक सुर में बात करनी चाहिए और इस पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.