सेना में संविदा पर पोर्टर की नौकरी कर चुके शैलेश उर्फ शैलेंद्र नाम के ISI एजेंट को UP ATS ने गिरफ्तार किया है. खुद को आर्मी मैन बताने वाला शैलेश अरुणालचल प्रदेश में संविदा के पद पर तैनात था और यहीं रह कर उसने कई खुफिया जानकारियां जुटाई थीं. इसके बाद पाकिस्तानी ISI एजेंट के संपर्क में आकर वह कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर रहा था. शैलेश को प्रत्येक जानकारी साझा करने के एवज में आईएसआई दो हजार रुपये भेजती थी.
UP ATS चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया कि बीते दिनों गोंडा और मुंबई से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने वाले कई एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया था. उसी के बाद से ही ATS जांच कर रही थी. इस दौरान कासगंज के रहने वाले शैलेश के बारे में पता चला कि वह पाकिस्तान को कई खुफिया जानकारियां मुहैया करा रहा है. शैलेश ने व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को सेना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं. शैलेश को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में सामने आया है कि शैलेश ने लगभग 9 महीन से भारतीय सेना में अरुणाचल प्रदेश में अस्थाई सपोर्टर के रूप में काम किया था. यहां रह कर शैलेश ने भारतीय सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकरियां इकट्ठा की थीं. एडीजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि शैलेश भारतीय सेना में किसी पद पर नहीं है. बावजूद इसके वह सोशल मीडिया प्रोफाइल में स्वयं को भारतीय सेना में कार्यरत होना बताया है. इतना ही नहीं प्रोफाइल फोटो में शैलेश ने भारतीय सेना की यूनीफॉर्म में अपनी फोटो लगा रखी थी.
ATS ADG ने बताया कि शैलेश फेसबुक के माध्यम से ही हरलीन कौर नाम की आईडी के संपर्क में आया. जिससे इसकी मैसेंजर में बात होने लगी. शैलेश हरलीन कौर के अलावा ISI हैंडलर प्रीति से भी WhatsApp पर ऑडियो कॉल के माध्यम से बात करता था. शैलेश ने प्रीति को बताया था कि वह भारतीय सेना में तैनात है. धीरे धीरे प्रीति शैलेश के साथ अश्लील बातें कर उसे अपने जाल में फंसाने लगी और फिर एक दिन प्रीति ने शैलेश को बताया कि वह आईएसआई के लिए काम करती है. अगर शैलेश उसका साथ देता है तो इसके बदले उसे बहुत पैसा दिया जाएगा.