इस बॉलीवुड अभिनेत्री से ठगी करना पड़ा महँगा, किया कुछ ऐसा कि उड़ गए होश

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Isha Sharvani and the thug

सुभाष घई की फ़िल्म किसना की खूबसूरत अभिनेत्री ईशा शरवानी जो कि ऑस्ट्रेलिया में रहकर अपनी ‘डांस अकेडमी’ चला रही हैं एक ऑनलाइन ठगी का शिकार बनी हैं। ईशा ने पहले ऑस्ट्रेलियाई पुलिस को इस मामले की जानकारी दी और उसके बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में भी अपनी शिक़ायत दर्ज कराई। इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने इनकम टैक्स ऑफिसर के नाम पर फोन करके ठगी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक ये गैंग 100 से ज़्यादा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है। साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनिमेष रॉय के अनुसार कुछ दिन पहले ईशा शरवानी ने ठगी की एक शिक़ायत दर्ज कराई थी और बताया था कि वो ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में रहती हैं, उन्हें कोई ऑस्ट्रेलियन इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर लगातार फोन कर रहा है।

फोन करने वाले का नंबर ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा का है। कॉल करने वाला कह रहा था कि उन्होंने टैक्स रिटर्न में कुछ गड़बड़ी की है इसलिए ऑस्ट्रेलियन सरकार ने उनका अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है। इसके बाद फोन करने वाले ने ईशा के सीए का नंबर और डिटेल्स लिए और दोबारा जो फोन आया वह नंबर उनके सीए के ऑफिस का था। फोन करने वाले ने कहा कि टैक्स भरने में कुछ गड़बड़ी हो गई है। अब उसका पूरा पैसा जो लगभग 5700 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर हैं, उन्हें वापस कर दिया जाएगा। क्योंकि इसमें ईशा की कोई ग़लती नहीं है। लेकिन, इनकम टैक्स अफसर को पैसा ट्रांसफर करना ही होगा।

वेस्टर्न यूनियन के ज़रिए 3500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर जबकि आरआईए मनी ट्रांसफर के ज़रिए 2500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ट्रांसफर किए गए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि भानुज बेरी नामक शख़्स वेस्टर्न यूनियन में रजिस्टर्ड एजेंट है। जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर ईशा के साथ ठगी को अंजाम दिया था। भानुज बेरी के दो अन्य साथी पुनीत चड्ढा और ऋषभ खन्ना को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है।

बता दें कि सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्होंने दिल्ली के विकासपुरी में एक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर खोला हुआ था। वहीं से यह लोग VOIP कॉल और नंबर स्पूफिंग सॉफ्टवेयर के ज़रिए ऑस्ट्रेलिया इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर ठगी को अंजाम देते थे। इन लोगों के गैंग ने पिछले 8 महीनों में 100 से ज़्यादा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।