कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। 26 जनवरी को किसानों ने अपनी ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान लाल किले पर किसान और दिल्ली पुलिस के बीच टकराव हो गया। जिसमें पुलिस ने किसानों पर लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद भी किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। 26 जनवरी के बाद अब फिर एक बार हालात खराब न हो इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। सरकार ने बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए हैं।
किसानों के इस आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गाजीपुर बार्डर पर इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह बंद कर दिया है। ऐसे में बंद हुई इंटरनेट सेवा को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisan Union) के नेता ने निशाना बनाया है। बता दें कि इस बात की जानकारी किसी भी अधिकारी ने नहीं दी है। किसान यूनियन के नेता और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभाले हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दी है। उन्होंने अपने ट्विटर पर एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सरकार किसानों की आवाज को नहीं रोक सकती।” राकेश टिकैत के साथ साथ भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने भी इंटरनेट सेवाएं बंद होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि “अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने का काम केंद्र सरकार कर रही है। सरकार ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा इंटरनेट सर्विस पर रोक लगाई है। सरकार के पास सिर्फ यही एक हथियार है, मगर जनता तक किसानों की बात पहुंच चुकी है।”