'हॉकी खिलाड़ियों को ट्रेन के फर्श पर बिठाने की बात झूठी': रेलवे

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नई दिल्ली। रेलवे ने कहा कि उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है जिनमें कहा गया था कि भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों को रियो ओलिंपिक से लौटने के बाद रांची से राउरकेला लौटते समय ट्रेन के फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया गया।
रेलवे ने बयान में कहा- “इसमें भी सच्चाई नहीं है कि बोकारो अलेपी एक्सप्रेस के टीटीई ने उन्हें बोगी के फर्श पर बैठने के लिए कहा था।” रेलवे ने कहा कि हॉकी खिलाड़ी रांची एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन पहुंचीं और उन्होंने शनिवार को ट्रेन पकड़ी। रेलवे अधिकारियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी जिससे वे खिलाड़ियों के लिए बेहतर व्यवस्था कर सकते थे। रेलवे ने कहा- “हालांकि जब खिलाड़ी प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों के साथ ट्रेन में सवार हुईं तो टीटीई ने उनको सीट उपलब्ध कराने में केवल 20 मिनट का समय लिया।” रेलवे ने कहा है कि हॉकी खिलाड़ियों के मन में भारतीय रेलवे के प्रति किसी तरह की दुर्भावना नहीं है और उन्होंने अधिकारियों से भी यह बात कही। बयान में कहा गया है- “उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वे अपने परिजनों से मिलने को उत्सुक थीं और इसलिए उन्होंने इसलिए जल्दी घर पहुंचने की योजना बना ली जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई।”