लाखों लोग कहते हैं कि घरेलू खाने में कितने ही गुण हुआ करते हैं, हमारी दादी-नानी यूँ ही रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले मसालों से कई बीमारियों का इलाज कर दिया करती थीं। लेकिन धीरे-धीरे छोटे परिवार होने के कारण हम इन मसालों के गुणों को भी उतनी अच्छी तरह नहीं जानते जितनी अच्छी तरह हमारे बड़े- बुज़ुर्ग जानते थे। लेकिन अब भी कई ऐसे मसालों के गुण हैं जिन्हें देखकर हमें याद आ जाता है कि हमारी दादी- नानी किस बीमारी में हमें क्या खिला- पिला दिया करती थीं। ऐसा ही एक छोटा सा मसाला है अजवाइन।
जी हाँ, अजवाइन जितना छोटा है उतने ही बड़े गुणों वाला भी है। अजवाइन की पूड़ी, पराँठा तो हम सभी ने खाया है और अरबी की सब्ज़ी में तो ख़ासकर अजवाइन का छोंक लगता है क्योंकि इससे अरबी के वायु पैदा करने का अवगुण मिट जाता है। अजवाइन को यूँ भी काले नमक के साथ फाँकने से पेट की गैस तकलीफ़ नहीं देती। अजवाइन का एक और बहुत अच्छा गुण है वो ये कि अजवाइन हल्की गरम होती है अगर शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो तो थोड़ी अजवाइन को तेल में डालकर उबाल लीजिए और इस तेल को उस अंग में लगाकर मालिश कर लेने से दर्द दूर हो जाता है।
यही नहीं अगर शरीर में तेल न लगाना हो तो एक मलमल के कपड़े में अजवाइन को लपेटकर पोटली बना लें और उसे गरम करके शरीर के दर्द वाले अंग में सेंकने से दर्द दूर हो जाता है। यही नहीं इस पोटली से सीने की सिकाई करने से खाँसी में भी आराम मिलता है। सर्दी खाँसी में आप अजवाइन के पानी का भाप लेकर भी आराम पा सकते हैं। इसी तरह अगर खाँसी बहुत तेज़ हो तो अजवाइन को हाथों में लेकर ज़रा घिस लें और अब उसे गुड़ के साथ मिलाकर एक छोटी गोली बना लें और उसे चूसते रहिए इससे कफ निकलने में आसानी होगी और खाँसी में आराम मिलेगा।