गोवा: कांग्रेस के सपनों पर उसके अपनों ने फेरा पानी

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नई दिल्ली: गोवा में सरकार बनाने का सपना देख रही कांग्रेस पार्टी को उसके ही दो विधायकों ने उसके सपने पर पानी फेर दिया। दरअसल, पार्टी के दो विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपते कल नई दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए। उनके इस कदम से कांग्रेस ने राज्य में नंबर वन होने की हैसियत भी गवां दी।

पिछले दिनों कांग्रेस ने दावा किया था कि बीजेपी के कई विधायक उसके संपर्क में हैं। लेकिन उसका यह दावा धरा का धरा रह गया। दोनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होते ही विधानसभा का गणित बदल गया है। दोनों के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद बहुमत का आंकड़ा 21 से गिरकर 20 हो गया है। साथ ही विधानसभा में दोनों दलों के विधायकों की संख्या 14-14 यानि बराबर हो गयी है।

गोवा में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी को 13 सीटें मिली थी। बीजेपी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फोरवॉर्ड पार्टी के तीन तीन विधायकों सहित तीन निर्दलीय विधायकों और एक एनसीपी के विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी।

सूत्रों के मुताबिक गोवा कांग्रेस के कुछ और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं। अगर कांग्रेस में और टूट हुई तो बीजेपी सरकार के ऊपर से दूसरे सहयोगी दलों का दवाब कम हो जाएगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि सत्ता का दरुपयोग हो रहा है, आतंक और भय का माहौल बनाया जा रहा है, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है।

हालाँकि कांग्रेस ऐसे आरोपों की झड़ी पहली बार नहीं लगा रही है। 2017 में चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद सरकार बनाने में नाकामयाब रही। बीजेपी ने दूसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद छोटे दलों के विधायकों को एकजुट किया और सरकार बना लिया।