बीते कई समय से पंजाब में चल रहे विवाद का समाधान कांग्रेस ने निकाल लिया है। बताया जा रहा है कि कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहा विवाद अब खत्म हो चुका है। गौरतलब हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की ताजपोशी होने के बाद मामला पूरी तरह से सुलझ चुका है। पार्टी का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को अब पार्टी एक जुट होकर लड़ेगी और फिर एक बार राज्य में अपनी सरकार बनाएगी। पंजाब विवाद के बाद अब हर कोई राजस्थान में चल रहे गहलोत और पायलट विवाद को देख रहा है, पार्टी का कहना है कि अब जल्दी ही गहलोत और पायलट का विवाद भी खत्म किया जाएगा।
पार्टी लगातार ऐसा फॉर्मूला तलाश रही है जिससे गहलोत और पायलट दोनों का फायदा हो। बता दें कि राजस्थान में ये विवाद करीब एक साल से चल रहा है। हाल ही में खबरें सामने आ रही थी कि राजस्थान में गहलोत सरकार संकट में है। सूत्रों के मुताबिक अब इस कुछ नहीं है। फिलहाल राजस्थान के मुख्यमंत्री में कोई बदलाव नहीं होगा। सूत्रों की माने तो अशोक गहलोत ही राज्य के मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। बता दें कि एआईसीसी संगठन में बदलाव होना है। जिसके लिए पार्टी ने सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बनाने का फैसला लिया है।
बताते चलें कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्दी ही होने की संभावना है और इस मंत्रीमंडल विस्तार के दौरान सचिन की बात भी रखी जाएगी। इस दौरान सचिन के समर्थकों को भी मंत्रीमंडल में जगह दी जाएगी। हालांकि अभी इनकी संख्या तय नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब के कैप्टन और सिद्धू मसले को सुलझाने में कांग्रेस आलाकमान की काफी मदद की है और संभव है कि वह गहलोत और पायलट के बीच का विवाद करने में भी पार्टी की मदद करें।