गांधी जयंती पर याद आया साध्वी प्रज्ञा का बयान, आलोचना में लगे पोस्टर

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Sadhvi Pragya

2 अक्टूबर को गांधी जी की 150 वीं जयंती पूरे देश में एक स्वच्छता आंदोलन के रूप में मनाई गयी। इस मौक़े पर जगह-जगह विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इसी बीच राजनीतिक हलक़ों में एक बार फिर से हलचल मच गई है। वजह है साध्वी प्रज्ञा का एक पुराना बयान। हम बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने आगर मालवा में रोड शो के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था।

सूत्रों के मुताबिक़ साध्वी प्रज्ञा ने एक स्थानीय न्यूज़ चैनल के एक सवाल के जवाब में कहा था कि, “नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकी बोलने वाले ख़ुद के गिरहबान में झांक कर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को जवाब दे दिया जाएगा।” साध्वी प्रज्ञा के इस बयान ने पूरे देश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी थी। साध्वी प्रज्ञा के इस बयान की आलोचना सिर्फ़ कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने ही नहीं बल्कि ख़ुद उनकी पार्टी यानी बीजेपी ने भी की थी और जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा को अपने बयान को लेकर माफ़ी मांगनी पड़ी थी।

अब गांधी जयंती के अवसर पर कांग्रेस ने फिर से साध्वी प्रज्ञा के इस बयान का हवाला देते हुए इस मुद्दे को उठाया है और बीजेपी पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया है। इंदौर में कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल ने साध्वी प्रज्ञा के ख़िलाफ़ पोस्टर वार छेड़ते हुए साध्वी प्रज्ञा के पोस्टर लगाए हैं। जिसमें साध्वी प्रज्ञा को ‘हिंसा की पुजारन’ बताया गया है।