पाकि’स्तान हो या भारत पड़ोसी देश के बारे में अक्सर टिप्पणी करने से ख़ुद को नहीं रोक पाते। यूँ तो अब तक पाकि’स्तानी प्रधानमंत्री ने राजनीति पर ही टिप्पणी करते थे लेकिन हाल ही में उन्होंने एक अनोखा इल्ज़ा’म लगाया भारत के सिनेमा और संस्कृति पर। इमरान ख़ान ने कहा कि “भारतीय संस्कृति और सिनेमा पाकि’स्तान में बढ़ते अप’राधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं” उनका ये बयान सुनकर उन्हें भारतीय निर्देशक ने एक क’रारा जवाब दिया।
इमरान ख़ान को जवाब देते हुए “गुलमकई” फ़िल्म के निर्देशक अमजद ख़ान ने कहा कि “पाकि’स्तान के लोगों में जो भी जागरू’कता है, वह भारतीय फिल्मों और संस्कृति की वजह से ही है। ‘माई नेम इज खा’न’ और ‘लगान’ जैसी फिल्मों ने पाकिस्तान में जागरू’कता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।”
आगे अमजद ख़ान ने इमरान ख़ा’न को स’लाह देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री होने के बजाए इमरान खा’न को क्रिकेट कोच होना चाहिए था। तब शायद पाकि’स्तान की क्रिकेट टीम अच्छा कर लेती। एक नेता के तौर पर उनके कार्य इतने प्रभावशाली नहीं हैं वह एक अनप’ढ़ व्यक्ति की तरह बात करते हैं इसलिए पाकि’स्तान के प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह ऐसी मू’र्खतापूर्ण टिप्पणी करने के बजाए अपने देश की जीडीपी और आर्थिक संक’ट पर ध्यान दें। हाल ही मैं विश्व बैंक ने उन्हें क’र्ज देने से इन’कार कर दिया है। इसलिए मेरा उन्हें विनम्र सुझाव है कि आप अपने देश को अस’हाय होने से पहले उस पर ध्यान दें”
आपको बता दें कि अमजद ख़ान ने पाकि’स्तानी ऐक्टिवि’स्ट मलाला यूसुफ़’ज़ई की ज़िंदगी पर बनी फ़िल्म “गुलमकई” का निर्देशन किया है, जिसमें मलाला की ज़िंदगी के साथ-साथ पाकि’स्तानी आ’तंकी संग’ठन ता’लिबान के बारे में भी काफ़ी बातें सामने आएँगी। ये फ़िल्म अगले शुक्रवार यानी 31 जनवरी को रीलिज़ होने वाली है। हाल ही में अमजद ख़ा’न ने सरकार के असंवै’धानिक निय’मों के ख़िला’फ़ भी ट्वीट किया था जिसके कारण वो विवा’दों में आ गए थे। अमजद ख़ान ने कहा कि “जा’नता हूँ इससे मेरी फ़िल्म पर असर पड़ सकता है लेकिन फ़िल्म तो और भी बन सकती है लेकिन देश और संविधान ज़रूरी हैं”