वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति वार्ता की संभावनाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में अप्रत्याशित रूप से तीखी बहस हो गई। इस घटनाक्रम ने अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर नया संकट खड़ा कर दिया है।
शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हुई बैठक की शुरुआत दोनों नेताओं की सौहार्दपूर्ण बातचीत से हुई। शुरुआती 35 मिनट तक दोनों ने एक-दूसरे की तारीफें कीं, लेकिन इसके बाद माहौल गर्मा गया। विवाद तब बढ़ा जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने रूस-यूक्रेन युद्ध को सुलझाने के लिए कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया।
‘2014 में पुतिन को क्यों नहीं रोका गया?’
वेंस के कूटनीति वाले बयान पर जेलेंस्की ने कड़ा सवाल दागा, “व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया और यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2014 में जब यह हुआ, तब अमेरिका में ओबामा राष्ट्रपति थे, फिर ट्रंप, फिर बाइडन… किसी ने पुतिन को क्यों नहीं रोका? अब ट्रंप राष्ट्रपति हैं, क्या वे उन्हें रोकेंगे?”
इसके बाद जेलेंस्की ने कहा, “मैंने रूस के साथ युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किए, लेकिन पुतिन ने इसे तोड़ दिया और हमारे लोगों को मार दिया। जेडी, आप किस तरह की कूटनीति की बात कर रहे हैं?”
‘आपको आभारी होना चाहिए’ – ट्रंप
जेलेंस्की के तीखे सवालों पर वेंस ने जवाब दिया, “मैं ऐसी कूटनीति की बात कर रहा हूं जो आपके देश के विनाश को समाप्त करेगी।”
इसके बाद बहस और गरमा गई जब ट्रंप ने खुद इसमें हस्तक्षेप किया। उन्होंने जेलेंस्की की ओर उंगली उठाते हुए कहा, “आप सही स्थिति में नहीं हैं। आपको रूस से समझौता करना होगा। आपको हमारा आभारी होना चाहिए। आप हमें निर्देश देने की कोशिश न करें।”
जब जेलेंस्की ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि “आप इसे अभी महसूस नहीं कर रहे, लेकिन भविष्य में करेंगे,” तो ट्रंप भड़क गए। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “हम एक समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं, हमें यह मत बताइए कि हमें क्या महसूस करना चाहिए। आप लाखों लोगों के जीवन के साथ जुआ खेल रहे हैं और तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।”
महत्वपूर्ण सौदे पर हस्ताक्षर किए बिना लौटे जेलेंस्की
इस गर्मागर्म बहस के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि ट्रंप ने जेलेंस्की को जाने तक के लिए कह दिया। नतीजतन, यूक्रेन और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण खनिज सौदे पर हस्ताक्षर किए बिना ही जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ना पड़ा।
यह अप्रत्याशित घटना अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर बड़ा असर डाल सकती है, खासकर तब जब रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की नीतियों पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में इस बहस का भू-राजनीतिक असर देखने को मिल सकता है।