उत्तरी कश्मीर के बारामुला में गुरुवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में हो गई। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए दोनों आतंकी लश्करे तैयबा से जुड़े हुए थे और शोपियां के रहने वाले थे। उनके पास से एक एके 47 राइफल और एक पिस्तौल सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है।
एसएसपी बारामुला आमोद अशोक नागपुरे ने बताया कि बारामुला पुलिस और 29आरआर और 2 बटलियन एसएसबी की एक संयुक्त टीम ने जिले के क्रीरी इलाके में रात में तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही संयुक्त टीम संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ी, छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए। दोनों की पहचान शोपियां जिले के शाकिर मजीद नजर और हनान अहमद सेह के रूप में हुई है। दोनों इसी साल मार्च में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए थे। उनके पास से एक एके-47 रायफल और एक पिस्टल बरामद हुई है।
इससे पहले बुधवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी से सटे माच्छिल सेक्टर में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की एक और साजिश को नाकाम करते हुए दो घुसपैठियों को मार गिराया गया। बुधवार की सुबह मारे गए इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारूद समेत पाकिस्तानी करंसी बरामद हुई है।
सुरक्षाबलों ने यह कार्रवाई ऑपरेशन प्रहार के दौरान की। सूत्रों के अनुसार घुसपैठियों के पास से नशीले पदार्थ भी बरामद किए गए हैं।सेना की 15वीं कोर के प्रवक्ता कर्नल एमरॉन मोसवी ने बताया कि मच्छिल सेक्टर की तरफ आतंकवादी लांच पैड से संभावित घुसपैठ की एसएसपी कुपवाड़ा ने विशिष्ट खुफिया जानकारी दी।
इस पर सैनिकों को एक मई से ही हाई अलर्ट पर रखा गया था। इस बीहड़ और अत्यंत दुर्गम क्षेत्र के लिए विशेष दल गठित किया गया था। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सेना और एसओजी के जवानों को घुसपैठ के संभावित मार्गों पर तैनात किया गया। लगातार दो रात तक बारिश, खराब दृश्यता और तापमान में गिरावट के बावजूद जवान मोर्चे पर मुस्तैद रहे।
तीन मई की सुबह करीब साढ़े आठ बजे नियंत्रण रेखा के पास इस ओर सैनिकों ने घुसपैठ करने वाले आतंकियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने दो दहशतगर्दों को ढेर कर दिया। मारे गए आतंकवादियों और संबद्ध आतंकी समूह की पहचान की जा रही है। यह सफल खुफिया इनपुट आधारित ऑपरेशन सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच घनिष्ठ तालमेल का एक और उदाहरण है।