जिओ कंपनी के मैनेजर अभिनव भारद्वाज के अपहरण के मामले में फरार चल रहे तीन बदमाशों को हाथरस पुलिस ने रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी है। इस मामले में कुल नौ आरोपित नामजद किए गए थे। जिनमें से सात गिरफ्तार हो चुके हैं। दो की तलाश अभी जारी है। पकड़े गए बदमाशों का कनेक्शन उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले के दिनेशपुर से है।
पुलिस के अनुसार रविवार की सुबह चेकिंग के दौरान थाना हाथरस गेट क्षेत्र में रुहेरी किंदौली नहर कट ये तहसील सदर की ओर से एक बाइक पर सवार तीन युवक आते दिखाई दिए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने बाइक को और तेज दौड़ा दिया।
पुलिस टीम पर अचानक फायरिंग करने लगे। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। इसमें बुलंदशहर जनपर के थाना छतारी के गांव सहार निवासी प्रशांत, हाथरस के गांव हतीसा निवासी अंशुल उर्फ गोलू के पैर में गोली लगी है। घायलों को उपचार के लिए बागला जिला अस्पताल ले जाया गया। उनके पास से दो तमंचा 315 बोर, कारतूस, एक बाइक बरामद की गई है।
सघन तलाशी के दौरान इनका साथी उत्तराखंड के जनपद रुद्रपुर के गांव दिनेशपुर निवासी वीरेंद्र उर्फ प्रिंस को भी गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि तीनों लोग एक जनवरी को जिओ फाइबर कंपनी के मैनेजर अभिनव भारद्वाज के अपहरण की घटना में सम्मलित थे।
एक जनवरी को जिओ फाइबर कंपनी के मैनेजर के अपहरण के बाद बदमाश लगातार यह दबाव बना रहे थे कि मुकदमा दर्ज न कराया जाए। अगर पुलिस के पास गए तो वह अभिनव की हत्या कर देंगे। बदमाशों की धमकी से स्वजन भी सहम गए थे। उन्हें डर था बेटे के साथ कोई अनहोनी न हो जाए। इस पर वह पुलिस को बिना बताए ही पैसे लेकर बदमाशों के बताए अनुसार मुरादाबाद के रवाना हो गए। हाथरस पुलिस और एससटीएफ की टीम ने गोपनीय तरीके से उनका पीछा किया। रात भर घने कोहरे में उनका पीछा किया।
अभिनव के पिता प्रभात कुमार, ससुर सरोज कुमार, साला बिट्टू और चचिया ससुर रवि कुमार तीन लाख रुपये बैग में लेकर मुरादाबाद के लिए निकले थे। कार में कौन-कौन आ रहा है उनके फोटो बदमाशों ने वाट्सएप पर मंगा लिए थे। कार का नंबर भी मंगाया था। बार-बार वीडियो काल पर यह कंफर्म करते रहे कि कार में कोई और तो नहीं बैठा है। बदमाशों ने अभिनव के मोबाइल का नेट बंद कर दिया था। वाईफाई से वह नेट लेकर वाट्सएप काल कर रहे थे। इसलिए बदमाशों की लोकेशन जानना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था।
नेट की आईपी टेक्निकील एड की मदद लेकर यह कंफर्म कर लिया था कि बदमाश मुरादाबाद में ही हैं। वहीं, अंशुल का मोबाइल इस्तेमाल हो रहा है। रात्रि करीब साढ़े चार बजे बदमाशों की कार उनकी कार के पास आकर रुकी और स्वजन से रुपयों से भरा बैग ले लिया। इसके बाद बदमाशों ने कार दौड़ा दी। पैसे लेने के बाद भी अभिनव को नहीं छोड़ने पर स्वजन घबरा गए। पुलिस को भी शक हो गया। ऐसा अंदेशा है कि बदमाश पैसे लेकर अभिनव की हत्या न कर दें।