धरती की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है Asteroid, egypt के पिरामिड…

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कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है इसका संक्रमण रोज़ बढ़ता जा रहा है। वहीं इसी बीच खबर है कि सितंबर के पहले ही सप्ताह में कुछ क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर आने से चर्चा में हैं। वैसे तो पृथ्वी (Earth) के पास से क्षुद्रग्रहों (Asteroid) के गुजरने पर सभी की इस पर नजर रहती है। वहीं हर महीने कुछ क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजरते ही रहते हैं। इन क्षुद्रग्रहों पर नासा के साथ साथ दुनिया भर के खगोलविदों की नज़र बानी हुई है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक मिस्र (Egypt) के पिरामिड (Pyramid)के आकार से भी बहुत बड़ा है।

बताया जा रहा है कि इस हफ्ते गुज़रने वाले क्षुद्रग्रहों में से कोई भी पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने वालों में से नहीं है। मगर एहतियात के तौर पर फिर भी खगोलविद इन पर निगाहें जमाएं हुए हैं और ये अपने आप में खास भी हैं। 465824 (2010 FR) नाम का क्षुद्रग्रह बहुत ही तेज़ रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इसकी रफ्तार 14 किलोमीटर प्रति सेकंड की है जो उच्च पराध्वनिक (High Supersonic) रफ़्तार से भी ज़्यादा है।

6 सितंबर को यह पृथ्वी के पास से होता हुआ गुज़रेगा. इसे अपोलो क्लास का क्षुद्रग्रह करार दिया गया है क्योंकी यह पृथ्वी की कक्षा के अंदर से गुज़रेगा। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्षुद्रग्रह मिस्र के गीजा पिरामिड के साइज से दो गुना ज्यादा बड़ा है। इसका आकार 120 से 270 के व्यास का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस क्षुद्रग्रह से फिलहाल कोई खतरा नहीं है।

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Artwork of an asteroid and planet earth.

नासा द्वारा इस क्षुद्रग्रह को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) की क्लास का बताया गया है। ऐसे पिंड के धूमकेतु या क्षुद्रग्रह होते हैं जो हमारे सूरज से 1.3 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (AU) की दूरी के अंदर आ सकते हैं। एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (AU) दूरी की एक खगोलीय ईकाई है जो सूर्य और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी होती है। अगर इस बात का पता लगाया जाए कि NEO क्या होते हैं तो नासा के अनुसार नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) शब्द उन पिंडों के लिए जो ग्रहों के आसपास आकर उनके गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित हो जाते हैं और उन ग्रहों की कक्षा के अंदर तक चले जाते हैं। इस लिहाज से आमतौर पर केवल धूमकेतु और क्षुद्रग्रह ही इसकी श्रेणी में आते हैं।

मंगलवार को ही 2011ES4 क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजरा जिसकी दूरी पृथ्वी और चंद्रमा से भी कम थी। लेकिन फिर इसने भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। 2011ES4 बहुत ही दिलचस्प इस मायने में है यह अगले एक दशक तक पृथ्वी के सबसे पास से गुजरने वाला क्षुद्रग्रह है। बताया गया है कि यह हर 9 साल में एक बार पृथ्वी के पास आता है। नासा के आंकड़ों के अनुसार 2011 ES4 साल1987 के बाद से 8 बार पृथ्वी के पास से गुजरा है।

अगर बात की जाए कि क्षुद्रग्रहों कितने खतरनाक होते हैं तो आमतौर पर क्षुद्रग्रहों से पृथ्वी को किसी तरह का खतरा नहीं होता है, लेकिन सौरमंडल के ग्रहों और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल इन्हें प्रभावित कर सकता है। इसीलिए इनका अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा इनके अध्ययन से वैज्ञानिकों को हमारे सौरमंडल के बारे में भी जानकारी मिलने की उम्मीद होती है क्योंकि इन वे तत्व होते हैं जिनका निर्माण हमारे सौरमंडल के निर्माण के समय हुआ था।