महाराष्ट्र : किसानों की आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। नागपुर जिले में भारी बारिश के कारण फसल खराब होने के बाद कर्ज में डूबे एक किसान ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि इस माह जिले में किसानों की आत्महत्या की यह पांचवीं घटना है।
जलालखेड़ा थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक मनोज चौधरी ने बताया कि सोमवार को नरखेड़ तहसील के पिंपलदरा गांव निवासी किसान राजीव बाबूराव जुडपे (60) अपने खेत में रस्सी से पेड़ से लटके पाए गए। किसान के पास 2.5 एकड़ जमीन थी और उसने एक बैंक से कर्ज लिया था।
अधिकारी ने जूडपे के बेटे के एक बयान के हवाले से कहा कि भारी बारिश के कारण उसकी फसल खराब होने के बाद से वह उदास था। अधिकारी ने बताया कि जलालखेड़ा पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, चार अन्य किसानों ने भी इस महीने नागपुर में फसल खराब होने और कर्ज के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।
पुलिस ने कहा कि 11 सितंबर को ईश्वरदास नारायणदास बांगरे (52) ने कथित तौर पर अपने कर्ज के बोझ और फसल की विफलता के कारण नरखेड़ थाना क्षेत्र के लोहारा गांव में आत्महत्या कर ली। जलालखेड़ा थाना क्षेत्र के अंबाडा गांव में चार सितंबर को किसान विट्ठल उमरकर (62) ने अपने घर में पंखे से लटक कर फांसी लगा ली। पुलिस ने कहा कि उसके पास 2.5 एकड़ कृषि भूमि है और उसने तीन लाख रुपये का फसल ऋण लिया था।
एक अन्य कर्ज में डूबे किसान कृष्ण सखाराम सयामा (36) ने भी उसी दिन मौदा तहसील के अंतर्गत टांडा गांव में अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस के अनुसार, उसने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए थे, जो उसे चुकाने के लिए मजबूर करते थे। तीन सितंबर को साउनेर तहसील के उमरी गांव निवासी अशोक नीलकंठ सरवे (35) ने पिछले दो साल से फसल खराब होने से परेशान होकर जान दे दी। पुलिस ने बताया कि उसने खेती के लिए कर्ज भी लिया था।