नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड अपने दूसरे कार्यकाल में न केवल भारत से बेहतर संबंधों के हिमायती नजर आ रहे हैं, बल्कि वह दोनों देशों की सीमा के आर- पार की बुनियादी समस्याओं के परस्पर सहयोग से समाधान के भी पक्षधर हैं। नेपाल की चोटियों से निकलने वाली नदियों से हर साल पैदा होने वाली बाढ़ और इससे दोनों तरफ होने वाली भारी क्षति के प्रति भी वह गंभीर हैं।
उनसे जब पूछा गया कि नेपाल में डैम बनाने की बात लंबे समय से चल रही है। डैम बनने से नेपाल में बिजली का उत्पादन होगा तो नेपाल की तराई समेत बिहार, उत्तर प्रद्रेश और उत्तराखंड को बाढ़ से निजात मिलेगी। नेपाली प्रधानमंत्री का रवैया इस मुद्दे पर भी सकारात्मक था। उन्होंने दो टूक कहा कि इसके बारे में भी हमारी बात होगी। मैं अभी इतना ही कहूंगा।
उनसे जब यह पूछा गया कि दोनों देशों की खुली सीमा से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। आप इसके समाधान को लेकर भी बात करना चाहेंगे? श्री प्रचंड ने कहा कि खुली सीमा ही हमारे संबंधों का यूनिकनेस है। यही खूबसूरती है। लेकिन इसको लेकर जो खतरा है, उस मोर्चे पर दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।
यह पूछे जाने पर कि आप पटना से काठमांडू हवाई सेवा शुरू चाहेंगे? श्री प्रचंड ने कहा कि पटना से काठमांडू हवाई सेवा शुरू होनी चाहिए। इसके रास्ते में क्या बाधाएं हैं, उसे भी मैं देखूंगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी वर्ष 3 मार्च को अपनी काठमांडू यात्रा के दौरान वहा के तत्कालीन प्रधानमंत्री से कोसी नदी पर डैम के निर्माण के लिए सर्वे के काम में तेजी लाने का अनुरोध किया था। श्री कुमार ने पटना से काठमांडू हवाई सेवा शुरू करने पर भी जोर दिया था।
भारत और नेपाल के बीच बहने वाली मोहाना नदी पर पक्का पुल बनेगा। रविवार को नेपाल की एक टीम सर्वे को पहुंची। भारत-नेपाल सीमा पर बह रही मोहाना नदी के गुलरिया घाट पर पक्का पुल बनाने को लेकर नेपाल से सर्वे करने के लिए टीम पहुंची। इस पुल के बन जाने से बाढ़ प्रभावित भारतीय इलाकों को भी बढ़ी राहत मिलने के आसार हैं।
नेपाल के काठमांडू कांसलटेंट से आये गुलरिया घाट पर पुल निर्माण के सर्वे टीम में इंजीनियर सुदीप कार्को ,सहायक इंजीनियर दिनेश बूढ़ाठोकी ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर बह रही मोहाना नदी के गुलरिया घाट पर पुल निर्माण कार्य में सर्वे के मुताबिक लगभग 100मीटर लम्बा पुल निर्माण होगा। इसका मानक पुल के डिजाइन के हिसाब से पुल निर्माण विभाग तय करेगा। उन्होंने बताया की इस पुल का निर्माण दोनों देशों की सहमति से होना है। दोनों देशों के उच्चस्तरीय अधिकारियों की वार्ता चल रही है। गुलरिया घाट पर पक्का पुल निर्माण के लिए वर्षो से ग्रामीणों की मांग रही है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग दैनिक उपयोग की चीजों को लेने के लिए नाव से आते-जाते हैं। पुल बन जाने से वर्षों पुराना ग्रामीणों का सपना पूरा होगा।