दुनिया भर में कोरोनावायरस का संक्रमण बहुत ही तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में इसको रोकने के लिए तरह तरह की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अभी तक कोई ऐसी चीज सामने नहीं आई जिससे इस वायरस को पूरी तरह रोका जा सके। हालाकि दुनिया भर के साइंटिस्ट इस वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी को भी सफलता हासिल नहीं हो सकी हैं। इन बढ़ते मामलों के बीच बहुत सी रिसर्च भी की जा रही हैं। गौरतलब है कि हर रिसर्च में एक अनोखी बात सामने आती है।
मंगलवार को पब्लिश हुई एक रिसर्च स्टडी में कहा गया कि ऐसा संभव है कि कोरोनावायरस से रिकवर हुआ मरीज़ दुबारा संक्रमित हो जाए। साथ ही ये भी कहा गया कि दुबारा संक्रमित हुए मरीज़ में और भी ज़्यादा गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अमेरिका में कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ के दुबारा संक्रमित पाए जाने पर रिसर्चर्स का कहना है कि “एक बार वायरस के संक्रमण से ठीक हो जाना शरीर में हमेशा के लिए इम्यूनिटी पैदा हो जाने की गारंटी नहीं है।”
इस रिसर्च का नेतृत्व करने वाले रिसर्चर मार्क पैंडोरी का कहना है कि “कोविड-19 से मिली इम्यूनिटी को समझने में दोबारा संक्रमण की संभावना अहम प्रभाव डाल सकती है, खासकर तब जब इसके लिए अभी कोई वैक्सीन डेवलप नहीं हो पाई है। हमें और ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है ताकि हम समझ पाएं कि SARS-CoV-2 के संपर्क में आए लोगों में पैदा हुई इम्यूनिटी कितने लंबे वक्त तक रह सकती है। साथ ही यह भी कि ये दुर्लभ तरीके से आ रहे दोबारा संक्रमण के मामलों में लक्षण इतने गंभीर क्यों हैं?”