भगवत्पाद आदि शंकराचार्य जी ने अपने प्रश्नोत्तरी में कहा है कि आपत्ति आने पर भगवती के चरणों का स्मरण करने से समस्या दूर हो जाती है। इसलिए हम सब भी देश, समाज और अपने व्यक्तिगत जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए देवी की उपासना करते हैं। आज कोरोना महामारी से पूरा विश्व ग्रसित है और इससे समस्त जनता के मन में भय का वातावरण व्याप्त हो गया है। अतः पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के आदेशानुसार पवित्र ज्योतिर्मठ में यह अद्वितीय अनुष्ठान सम्पन्न हो रहा है।
उक्त उद्गार जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के प्रतिनिधि ‘स्वामिश्रीः 1008’ अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने आज ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) में आयोजित चौसठ योगिनियों के पूजन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम सब शक्ति के उपासक हैं और आज आप सभी शक्ति स्वरूपा माताओं ने मिलकर शक्ति की उपासना की है जो इस क्षेत्र सहित सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए लाभकारी होगा।
आचार्य पं श्री प्रदीप सेमवाल जी के नेतृत्व में ज्योतिर्मठ की चौंसठ क्षेत्रीय महिला मण्डल की एक-एक माताओं ने एक-एक योगिनी देवी का सविधि पूजन-अर्चन किया। भक्तों को प्रसाद वितरित कर सबके कल्याण की भावना से जयकारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रमुख रुप से श्री जगदीश जोशी जी, पुजारी शिवानन्द उनियाल जी, महिमानन्द जी, जगदीश उनियाल जी, गौरव चमोला जी, अनिर डिमरी जी, सन्तोष सती जी , अभिषेक बहुगुणा जी, प्रवीण नौटियाल जी आदि जन उपस्थित रहे।