कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोग काफी ज्यादा परेशान हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की संभावना है। जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बीच अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (National Institute of Disaster Management या NIDM) ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें कहा गया है कि ऐसा कुछ नहीं कहा जा सकता कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चें ही संक्रमित होंगे। इससे बड़ों को भी खतरा है। बच्चों से अधिक बड़े लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
बता दें कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और लेंसेंट कोविड-19 कमीशंस रीजनल टास्क फोर्स का हवाला देते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट ने इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि “चिंता के पर्याप्त कारण हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत में बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं हुआ है और उनके लिए मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाएं बड़े स्तर पर इलाज के लिहाज से पर्याप्त नहीं हैं।” बताते चलें कि तीसरी लहर से सुरक्षा के लिए बच्चों की वैक्सीन पर जोर दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते ही नेशनल ड्रग रेगुलेटर (राष्ट्रीय दवा नियामक) ने दुनिया की पहली RNA वैक्सीन Zycov-D को भारत में मंजूरी दी है।
वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेम की अनुमति दी गई है। वैक्सीन की तीनों डोज 0, 28 और 56 दिन पर दी जा सकती हैं। वहीं, अगर बात की जाए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर तो NIDM ने अपनी रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि “केंद्र ने सभी अस्पतालों को उपलब्ध बेड के 20 फीसदी बच्चों के लिए आवंटित करने निर्देश दिया है। कई राज्यों ने तैयारी के तौर पर बाल चिकित्सा सुविधाओं के बेहतर बनाने के लिए प्रयास शुरू किर हैं और तैयारी के तौपर पर दवाओं और ऑक्सीजन का भंडारण शुरू दिया है।” बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई बड़े कदम उठाए गए हैं। लेकिन फिर भी सरकार को अभी और ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है।