कोरो’ना काल के दौरान सरकार का बड़ा फैसला, डॉक्टर की सलाह बिना….

0
313

कोरो’ना वाय’रस वैश्विक महामा’री का प्रकोप रोज़ तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और इसके संक्रम’ण से पूरी दुनिया मे एक करोड़ 18 लाख लोग अब तक संक्रामि’त हो चुके हैं। भारत में कोरो’ना संक्रमि’त म’रीज़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र कोरो’ना संक्रम’ण के मामले में देश में पहले नंबर पर है। इसी के चलते महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में लोग अब बिना डॉक्टर की सलाह के भी कोरो’ना की जां’च (Walk In Corona Test) करा सकेंगे। मुंबई देश का पहला ऐसा शहर है जहां यह इजाज़त दी गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि,कोरो’ना से जं’ग के लिए यह फैसला उचित है। पूरे देश के अब तक 1 करोड़ से ज़्यादा कोरो’ना के टेस्ट हो चुके हैं। लेकिन 15 अगस्त तक 5 करोड़ लोगों की जां’च करनी होगी, जिससे वाय’रस के बारे में और भी जानकारी मिल सके और 1.3 अरब से ज़्यादा लोगों की आबादी में संक्रमि’त ट्रेस कर आइसोलेट किये जा सकें।

जानकारों के मुताबिक देश एक दिन में एक लाख कोरो’ना टेस्ट होने की क्षमता है, लेकिन राज्यों में प्रशासनिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ और मालिक अदर पूनावाला ने कहा कि, “हम पर्याप्त टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं। भारत के पास पर्याप्त टेस्ट किट्स हैं। हम MyLabs में हर सप्ताह बीस लाख टेस्ट कर सकते हैं और अब भारत में टेस्टिंग किट बनाने वाली कई अन्य कंपनियां हैं, लेकिन हम अभी और टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं।”
images 20
भारत में MyLabs आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए भारत का पहला स्थानीय निर्माता है और इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए सीरम संस्थान ने इसकी मदद भी की है। पूरी दुनियां में अमेरिका और ब्राज़ील के बाद भारत कोरो’ना वाय’रस संक्रम’ण के मामले में तीसरे स्थान पर आ चुका है और भारत ने प्रति मिलियन लोगों पर 7,661 परीक्षण किए हैं, जो इसकी आबादी का 0.8% से भी कम है और अगर वैश्विक तुलना की जाए तो अमेरिका ने अपनी जनसंख्या का 11%, रूस 16% और यूके ने 15% का परीक्षण किया है।MyLabs द्वारा मंगलवार को एक मशीन लांच की गई जिससे प्रशिक्षण की क्षमता में इज़ाफ़ा हो सके। इस मशीन के ज़रिए से एक दिन में 400 लोगों का कोरो’ना वाय’रस टेस्ट किया जा सकता है। इस विशय में पूनावाला ने कहा,- “यह मशीन हर दिन 400 टेस्टिंग कर सकती है और इसके लिए सिर्फ 1 विशेषज्ञ की जरूरत होगी। इससे हमारी श्रमशक्ति भी बचेगी और देश में टेस्टिंग को गति मिलेगी।”

जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञों का ये कहना है कि, “टेस्टिंग के लिए टूल्स और रिसोर्रसेज के साथ ही भारत में वॉक-इन टेस्टिंग्स की अनुमति दिये जाने की जरूरत है।” पूर्व स्वास्थ्य सचिव और एचआईवी / एड्स के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जेवीआर प्रसाद राव ने कहा कि “किए जा रहे परीक्षणों की संख्या पर्याप्त नहीं है। भारत की आबादी को देखते हुए, हमें संक्रमि’त की पहचान करने और आइसोलेट करने के लिए एक दिन में एक लाख परीक्षण करना चाहिए और यह केवल मांग पर उपलब्ध कराया जा सकता है। आरटी-पीसीआर टेस्टिंग का इस्तेमाल कर के तेजी नहीं लायी जा सकती है इसलिए कम से कम 2-3% सकारात्मकता दर कम होने तक सामुदायिक परीक्षण को बढ़ाने के लिए एंटीजन परीक्षण को बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए।”