मणिपुर मामले पर केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे से बहस शुरू हो गई. विपक्ष ने मणिपुर विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में बयान की मांग की थी, ये मांग पूरी ना होने पर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था. अब इसके तहत मंगलवार को कुल 16 घंटे की बहस शुरू हुई, जो गुरुवार को खत्म होगी. कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और भारतीय जनता पार्टी की ओर से निशिकांत दुबे ने बहस की शुरुआत की.
सरकार की ओर से बहस में सबसे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात कही, उनके खड़े होते ही सदन में हंगामा हुआ. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने की. बहस की शुरुआत करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर संख्या की बात नहीं थी, बल्कि मणिपुर के इंसाफ की बात थी. आज मणिपुर का युवा, बेटा और बेटी हर कोई इंसाफ मांगता है.
अगर मणिपुर जल रहा है तो भारत भी जल रहा है, हमने सिर्फ यही मांग की थी कि मणिपुर पर सदन में प्रधानमंत्री दुख व्यक्त करें और सदन की ओर से एकजुटता का संदेश जाए. गौरव गोगोई ने कहा कि सवाल ये है कि पीएम मोदी आजतक मणिपुर क्यों नहीं गए, राहुल गांधी, गृह मंत्री और तमाम नेता मणिपुर गए थे. पीएम मोदी ने मणिपुर पर सिर्फ 30 सेकेंड बात की, उसके बाद उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
गौरव गोगोई ने कहा कि हमारा सवाल है कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बदला. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी के राजधर्म की बात याद करनी चाहिए, जहां किसी में भी भेदभाव नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मणिपुर के सीएम ने इस हिंसा के पीछे ड्रग्स का बिजनेस बताया, लेकिन जब पुलिस ने एक बड़े ड्रग माफिया को पकड़ा तो मणिपुर सीएम ऑफिस से उन्हें रिहा करने का आदेश गया.