केंद्र सरकार ने गुरुवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के बाराहोटी इलाके में चीनी सेना के घुसपैठ की खबरों का खंडन किया और कहा कि यह घुसपैठ नहीं बल्कि सीमा के उल्लंघन का मामला है. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में दिए बयान में कहा, ‘जैसी मीडिया में खबरें आई हैं, उत्तराखंड में किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है. यह चिनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) द्वारा सीमा के उल्लंघन का मामूली सा मसला है.’
सीमा का निर्धारण न होने की वजह से हुआ उल्लंघन
उन्होंने कहा कि इस तरह के सीमा उल्लंघन के मामलों से निपटने के लिए एक व्यवस्थित तंत्र मौजूद है. पर्रिकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक सीमारेखा का निर्धारण नहीं हुआ है, जिसके कारण मतभेद खड़े होते रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘कई बार सीमा का उल्लंघन हो जाता है.’
पर्रिकर ने कहा कि चीनी सेना द्वारा सीमा के उल्लंघन के मामलों में कमी आई है. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि चमोली के नजदीक चीनी सेना ने घुसपैठ की और वे भारतीय सीमा में 200 मीटर अंदर तक घुस आए. सिंधिया ने कहा, ‘इस तरह की खबरें भी आई हैं कि चीनी सेना ने स्थानीय राजस्व अधिकारी से बदसलूकी भी की.’
सिंधिया की चिंता का समर्थन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने सरकार से इस पर बयान देने की मांग की. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि भारत सरकार को चीन की तरफ से होने वाले घुसपैठ के प्रति अधिक सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है.