अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से भारत के चंद्रयान 2 मिशन के दौरान लैंडिंग में हुई कुछ परेशानी की वजह से संपर्क टूट जाने के बाद लापता हुए विक्रम लेंडर के बारे में ताज़ा जानकारी मिली है। नासा का कहना है कि हाल ही में चांद की ओर से गुज़रे उसके ऑर्बिटर ने जो तस्वीरें अपने कैमरे में क़ैद की हैं। उसमें इसरो के महत्वकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के दौरान लापता हुए विक्रम लैंडर के कोई सबूत नहीं दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि नासा का ऑर्बिटर चांद के उसी हिस्से से गुज़रा था, जहां भारत ने अपने मिशन चंद्रयान-2 की लैंडिंग निर्धारित की थी। नासा के लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर (LRO) मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ एडवर्ड पेट्रो ने पीटीआई को एक विशेष ई-मेल इंटरेक्शन में बताया कि लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर 14 अक्टूबर को चंद्रयान-2 की खोज के लिए चांद के उसी हिस्से से गुज़रा जहां इसरो अपना लैंडर उतारने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान वहां की तस्वीरें भी ली गयीं थीं। लेकिन, इन तस्वीरों में विक्रम लैंडर के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं।
पेट्रो ने कहा कि कैमरा टीम ने चांद की सतह की तस्वीरें की गहन जांच जांच-पड़ताल की और परिवर्तन का पता लगाने वाली तकनीक का भी इस्तेमाल किया। लेकिन, विक्रम लेंडर के होने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। नासा के एक और साइंटिस्ट जॉन केलर जो कि (LRO) मिशन के उप-परियोजना वैज्ञानिक हैं। उन्होंने लैंडर विक्रम को लेकर संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि लैंडर विक्रम चांद के किसी अंधेरे वाले हिस्से में हो या खोज क्षेत्र के बाहर स्थित हो। क्योंकि चांद पर कम अक्षांश के कारण लगभग 70 डिग्री दक्षिण में जहां यह क्षेत्र स्थित है। उस हिस्से में अंधेरा रहेगा। जिसके कारण लैंडर विक्रम को खोज पाना आसान नहीं है।