उत्तराखंड में यूपी पुलिस पर चली गोलियां, अस्पताल में भर्ती, पढ़ें पूरी खबर

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ऊधमसिंह नगर : ऊधमसिंह नगर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र में यूपी पुलिस पर जेष्ठ ब्लॉक प्रमुख और उनके फार्म हाउस पर मौजूद लोगों ने गोलियां चला दी। इस दौरान मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाने के इंस्पेक्टर समेेत तीन पुलिसकर्मी घोयल हो गए और जेष्ठ उपप्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई।

दरअसल, यूपी की एसओजी टीम 13 सितंबर को एसडीएम पर हुए हमले के आरोपी खनन माफिया को उत्तराखंड के काशीपुर में पकड़ने पहुंची थी। इस दौरान मुरादाबाद पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। हमले में ठाकुरद्वारा कोतवाल समेत छह पुलिस कर्मी बुरी तरह घायल हो गए। जबकि गोली लगने से जसपुर ब्लॉक के ज्येष्ठ उपप्रमुख की पत्नी की मौत हो गई।

ठाकुरद्वारा पुलिस को सूचना मिली थी कि इनामी खनन माफिया थाना डिलारी ग्राम कांकरखेड़ा निवासी जफर ग्राम भरतपुर में जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर के यहां छिपा हुआ है। इस सूचना पर ठाकुरद्वारा कोतवाल योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस और एसओजी की टीम ने बुधवार की शाम भुल्लर के फार्म हाउस की घेराबंदी कर ली। सादे कपड़ों में अनजान लोगों को देखकर परिजनों ने उन्हें ललकारा। पुलिस के अनुसार ग्रामीण हमलावर हो गए।

इस दौरान हुई फायरिंग में ड्यूटी कर घर लौट रही गुरताज की पत्नी गुरजीत कौर (28) को गोली लग गई। उन्हें निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। फायरिंग में एसओजी के सिपाही राहुल सिंह, शिव कुमार, सुमित राठी, संगम और अनिल कुमार घायल हो गए। सभी को मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इसके साथ ही पांच पुलिसकर्मी लापता हो गए थे। इनमें से ठाकुरद्वारा थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो सकुशल मिल गएए दो अन्य अभी लापता हैं। गुस्साए लोगों ने कुंडा थाने के सामने एनएच पर जाम लगा दिया और पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। निजी अस्पताल में उत्तराखंड हमले में घायल हुए पुलिस कर्मी संगम, अनिल और सुमित राठी ने घटना बयां की। उन्होंने अफसरों को बताया कि हमारी टीम जफर की तलाश में जुटी थी। वह ठाकुरद्वारा के पास मौजूद था।

इसी दौरान उनकी घेराबंदी की तो वह बाइक दौड़ते हुए ठाकुरद्वारा से करीब आठ किलोमीटर दूर भरतपुर स्थित फार्म हाउस में पहुंच गए। उसके शोर मचाने पर काफी संख्या में लोग जुट गए। उन्होंने गेट बंद कर लिया और हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। हमारे हथियार छीन लिए। हमने वहां से भागने की कोशिश की तो हमलावरों ने फायरिंग कर दी। हमें अपनी जान बचाने को हथियार भी चलाने का मौका नहीं मिला। हमारे साथी शिव कुमार और राहुल को गोली लगने से घायल हो गए। हमारे ऊपर भी लाठी डंडों से हमला किया गया। हमारी गाड़ी में लगाने ने आग लगाने की कोशिश की।

एसओजी और ठाकुरद्वारा थाने की पुलिस पर हमले की सूचना मिलने पर डीआईजी शलभ माथुर, एसएसपी हेमंत कुटियाल, एसपी देहात संदीप कुमार मीणा समेत अन्य अधिकारी ठाकुरद्वारा पहुंच गए। अफसरों ने घंटों थाने में बैठकर की रणनीति बनाई। लापता पुलिस कर्मियों की तलाश में टीमें जरूर भेजीं, लेकिन कुंडा चौराहे पर हाईवे पर जाम लगाने और यूपी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी होता देख वो भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। सभी टीमें वापस लौट आईं। जाम खुलने के बाद उत्तराखंड पुलिस के अफसरों के बात होने के बाद अफसरों ने टीम को दोबारा लापता पुलिस कर्मियों की तलाश में लगाया गया।

उत्तराखंड के भरतपुर गांव में हुए पुलिस टीम पर हमला और फायरिंग में एक महिला की मौत की खबर मिलने पर जयपुर, कुंडा और जसपुर थानाक्षेत्र के लोग भी भरतपुर पहुंच गए। बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने यूपी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हंगामा किया। इसकी भनक लगने पर मुरादाबाद के अफसर अलर्ट हो गए। आशंका जताई गई कि कहीं भीड़ ठाकुरद्वारा थाने की ओर रुख न कर ले। इसी को देखते हुए ठाकुरद्वारा थाने पर पुलिस लाइन और अन्य थानों से भी फोर्स बुला ली गई।